11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का पावन त्यौहार धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की विशेष पूजा करने की परंपरा है। खासकर, अविवाहित लड़कियां इस दिन उपवास रखती हैं और भगवान शिव से अच्छे वर का आशीर्वाद मांगती हैं। इस दिन भगवान शंकर को बेल पत्र, धतूरा, बेर आदि अर्पित किए जाते हैं।
साथ ही रूद्राभिषेक और महा महामृत्युंजय मंत्र आदि का जाप किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इन मंत्रों के जाप से कई प्रकार के कष्टों का निवारण हो जाता है। दिन अगर सच्चे मन और सही तरीके यानी विधि-विधान से शिव जी की पूजा (Shiv Puja) की जाए तो भक्त के ऊपर हर समय भोलेनाथ की कृपा बरसती रहती है। शिवजी को भांग, धतूरा और बेलपत्र काफी पंसद है, लिहाजा इस दिन इन चीजों से शिवजी की पूजा करने का विधान है।
शिवरात्रि तिथि व मुहूर्त
आपको बता दें कि इस साल महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का महापर्व 11 मार्च को है। ऐसे महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन दिनभर पूजा-अर्चना का विधान है लेकिन शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) में पूजा अर्चना करने के ज्यादा फल की प्राप्ति होती है। इस बार महाशिवरात्रि चतुर्दशी तिथि प्रारंभ- 11 मार्च, दोपहर 2 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी जो 12 मार्च, दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर जाकर समाप्त होगी।
– महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर चावल, दाल और गेहूं से बने खाद्य पदार्थों से दूर रहन के लिए कहा जाता है। ये भी कहा जाता है कि जो लोग शिवजी को प्रसन्न करने के लिए वृत रखते हैं उन्हें फल, दूध, चाय, कॉफी इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
– ऐसी मान्यता है कि अगर आप अपने किसी सगे-संबंधी, जीवनसाथी या फिर किसी बुजुर्ग का अपमान करते हैं तो आपसे शिव जी (Lord Shiva) नाराज हो सकते हैं। ऐसे में अगर भूल वश आप से किसी भी बुजुर्ग का अपमान हो जाए तो समय रहते अपने कृत्य के लिए माफी मांग लें।
– भगवान शिव (Lord Shiva) को अगर प्रसन्न करना है तो इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें। शिवजी का व्रत करते समय या उनकी पूजा अर्चना करते वक्त काले वस्त्रों को धारण न करें।
– शिवलिंग (Shivling) पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से आपके यहां दुर्भाग्य का प्रवेश होता है और परिवार में गंभीर बीमारियां होने की संभावन हो जाती है।
– शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि कभी भी शिवलिंग पर तुलती अर्पित नहीं करनी चाहिए। तुलसी को भगवान विष्णु के लिए अर्पित करने के लिए विशुद्ध माना गया है, लेकिन शिवलिंग पर इसे अर्पित करना वर्जित है।
– भगवान शिव (Lord Shiva) को प्रसन्न करते वक्त अगर आपने हल्दी का इस्तेमाल किया है तो ये आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। शास्त्रों के मुताबिक मान्यता है कि शिवलिंग (Shivling) पुरुष तत्त्व से संबंधित है इस वजह से शिवलिंग पर हल्दी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
– भगवान शिव (Lord Shiva) को चंपा और केतकी के फूल अर्पित नहीं करने चाहिए। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव (Lord Shiva) ने इन फूलों को शापित किया था, जिस वजह से इन फूलों का भोलेनाथ की पूजा में इस्तेमाल वर्जित है।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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