नई दिल्ली। हरियाणा के हिंसा प्रभावित नूंह में प्रशासन ने शनिवार को एक होटल कम रेस्टोरेंट को तोड़ दिया। जिला प्रशासन का कहना है कि इसे अवैध रूप से बनाया गया था। हाल ही में हुए उपद्रव के दौरान गुंडों ने यहां से पथराव भी किया था। जिले में अवैध मकानों, दुकानों और होटलों को गिराने का अभियान रविवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। अधिकारियों ने शहीद हसन खान मेवाती सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बाहर तीन मंजिला होटल और कई दुकानों पर बुलडोजर चलाया। स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस दौरान झड़प भी हुई और लोग होटल के पास जमा हो गए तथा पुलिस पर पथराव कर दिया।
दुकानदारों ने कहा कि अधिकारी अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने के लिए देर रात आए थे। उन्होंने कहा कि किसी भी विक्रेता या दुकान मालिक को नोटिस नहीं दिया गया। इस बीच, हिंदू संगठनों की रविवार को बुलाई गई पंचायत गुरुग्राम के सेक्टर 57 स्थित तिगरा गांव में चल रही है। यह पंचायत विश्व हिंदू परिषद के जुलूस को रोकने की कोशिश के दौरान 31 जुलाई को नूंह में हुई झड़प के बाद शहर भर में गिरफ्तारियों के विरोध में बुलाई गई है। पुलिस ने गांव में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
गुरुग्राम के एसीपी विकास कौशिक ने कहा, “पिछले 2-3 दिनों से गुरुग्राम में शांति है। किसी घटना की सूचना नहीं मिली है। हमें लगता है कि आज की पंचायत शांतिपूर्वक पूरी होगी। हमने सभी पक्षों से बातचीत की है, उन्होंने आश्वासन दिया है कि पंचायत शांतिपूर्वक होगी…। पंचायत में 500-1000 लोगों के आने की उम्मीद है…।
उधर, हरियाणा सरकार ने शनिवार को कहा कि नूंह जिले में साइबर क्राइम थाने पर हमले का उद्देश्य इस साल की शुरुआत में बड़े पैमाने पर सामने आए धोखाधड़ी से संबंधित सबूतों को नष्ट करना था। 31 जुलाई को नूंह में भड़की हिंसा के दौरान साइबर क्राइम पुलिस थाने को निशाना बनाया गया था।
भीड़ ने विश्व हिंदू परिषद की शोभायात्रा को रोकने की कोशिश के बाद भड़की सांप्रदायिक झड़प में दो होमगार्ड कर्मी और एक इमाम सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। झड़प पिछले कुछ दिनों में गुरुग्राम तक फैल गई। सरकार ने एक बयान में कहा कि पिछले कुछ दिनों में नूंह में हुई हिंसा की आड़ में छापेमारी के दौरान जुटाए गए सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की गई और साइबर पुलिस थाने पर हमला किया गया।
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