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लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान गरजे राहुल गांधी, बोले- इसमें कुछ भी नया नहीं

  • February 03, 2025

    नई दिल्ली। संसद के बजट के सत्र के दौरान सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हुई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी चर्चा में हिस्सा लिया। उन्होंने सरकार पर करारा हमला करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं था। उसमें हर चीज वह थी, जो हम सब कई सुन चुके हैं।

    लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, ‘राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान जो कुछ भी कहा जा रहा था, उस पर ध्यान बनाए रखने के लिए मुझे संघर्ष करना पड़ा। ऐसा इसलिए, क्योंकि मैंने पिछली बार भी कुछ ऐसा ही सुना था। उससे पहले भी लगभग इसी तरह का अभिभाषण सुना था। यह सरकार के कार्यों की एक ही सूची थी। इस सरकार ने लगभग 50-100 काम ही किए होंगे। मुझे लगता है कि राष्ट्रपति का अभिभाषण ऐसा नहीं होना चाहिए था, जैसा दिया गया।

    उन्होंने कहा कि भले ही हम बढ़े हैं, हम तेजी से बढ़े हैं, थोड़ी धीमी गति से बढ़ रहे हैं, लेकिन हम बढ़ रहे हैं। एक सार्वभौमिक समस्या, जिसका हमने सामना किया है, वह है बेरोजगारी। हम बेरोजगारी की समस्या से निपटने में सक्षम नहीं हैं। न तो यूपीए सरकार और न ही आज की एनडीए सरकार ने इस देश के युवाओं को रोजगार के बारे में कोई स्पष्ट जवाब दिया है।

    राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा, मुझे लगता है कि यह एक अच्छी पहल थी। परिणाम आपके सामने है, विनिर्माण 2014 में सकल घरेलू उत्पाद के 15.3% से गिरकर आज सकल घरेलू उत्पाद के 12.6% पर आ गया है, जो 60 वर्षों के विनिर्माण में सबसे कम है। मैं प्रधानमंत्री को दोष नहीं दे रहा हूं, यह कहना उचित नहीं होगा कि उन्होंने प्रयास नहीं किया। मैं कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री ने प्रयास किया, लेकिन वे असफल रहे।

    उन्होंने कहा कि लोग एआई के बारे में बात करते हैं, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि एआई अपने आप में बिल्कुल अर्थहीन है, क्योंकि एआई के लिए डेटा अहम है। डेटा के बिना एआई का कोई मतलब नहीं है। अगर हम आज डेटा को देखें, तो एक बात बहुत स्पष्ट है- दुनिया में उत्पादन प्रणाली से निकलने वाला हर एक डेटा। जिस डेटा का उपयोग फोन को बनाने के लिए किया गया, जिस डेटा का उपयोग इलेक्ट्रिक कार बनाने के लिए किया गया, जिस डेटा का उपयोग आज ग्रह पर मूल रूप से सभी इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने के लिए किया जाता है, उसका स्वामित्व चीन के पास है। खपत डेटा का स्वामित्व संयुक्त राज्य अमेरिका के पास है। इस क्षेत्र में चीन भारत से कम से कम 10 साल आगे है। चीन पिछले 10 सालों से बैटरी, रोबोट, मोटर, ऑप्टिक्स पर काम कर रहा है और हम पीछे हैं।


    चीन से सीमा विवाद को लेकर राहुल ने कहा, ‘चीन ने हमारी जमीन ले ली। प्रधानमंत्री ने इस बात से इनकार किया है और सेना ने प्रधानमंत्री के इस दावे से हटकर बयान दिया। वे चीन के साथ बैठकें करते रहे। वे कहते रहे कि चीन हमारे 4000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा करके बैठा है। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आप जो बोल रहे हैं, उसका सबूत आपको सदन में पेश करना होगा।

    उन्होंने कहा, ‘हमारे सेना प्रमुख ने कहा है कि चीनी हमारे क्षेत्र में घुसे हुए हैं। यह एक तथ्य है। चीन के हमारे क्षेत्र में घुसने का कारण महत्वपूर्ण है। चीन के इस देश में घुसने का कारण यह है कि ‘मेक इन इंडिया’ विफल हो गया है। चीन के इस देश में घुसने का कारण यह है कि भारत उत्पादन करने से मना कर रहा है और मुझे चिंता है कि भारत एक बार फिर इस क्रांति को चीनियों के हाथों में सौंप देगा। अगर हम चीन के साथ युद्ध लड़ेंगे, तो हम चीनी इलेक्ट्रिक मोटर, चीनी बैटरी और चीनी ऑप्टिक्स से लड़ेंगे और हम चीनी मोटर, चीनी ऑप्टिक्स और चीनी बैटरी खरीदेंगे।’

    राहुल ने कहा कि हमारे पास संयुक्त राज्य अमेरिका नाम का एक रणनीतिक साझेदार है। साझेदारी इस बात पर केंद्रित होनी चाहिए कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका इस क्रांति का लाभ उठाने के लिए कैसे मिलकर काम कर सकते हैं। भारत संयुक्त राज्य अमेरिका जितना ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे हमारे बिना औद्योगिक प्रणाली का निर्माण नहीं कर सकते। अमेरिकी वह नहीं कर सकते जो भारत कर सकता है, क्योंकि उनकी लागत संरचना हमारी तुलना में बहुत अधिक महंगी है। हम ऐसी चीजें बना सकते हैं, जिनकी अमेरिकी कभी कल्पना भी नहीं कर सकते।

    उन्होंने कहा, ‘मुझे याद है कि चुनाव से पहले आप सभी (भाजपा) ‘400 पार’ कह रहे थे और कह रहे थे कि आप इसे (संविधान का हवाला देते हुए) बदल देंगे। और फिर मुझे यह देखकर खुशी हुई कि प्रधानमंत्री अंदर आए और फिर उन्हें संविधान के सामने अपना सिर झुकाने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह सभी कांग्रेसियों के लिए गर्व का क्षण था कि हमने प्रधानमंत्री और पूरे देश को समझाया कि कोई भी ताकत इसे छूने की हिम्मत नहीं करेगी। मुझे पता है कि आरएसएस ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया। मोहन भागवत ने कहा है कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि हमें आजादी तब मिली, जब राम मंदिर बना। उन्होंने कहा है कि यह निरर्थक है। हम आपके सपने को कभी पूरा नहीं होने देंगे। यह संविधान हमेशा भारत पर राज करने वाला है।

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