नई दिल्ली। कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (Second Wave) लगभग पूरे देश (India) में कहर बरपा रही है। इसका शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों पर भी काफी बुरा असर पड़ा है। कोरोना के कारण काम धंधे ठप पड़ गए हैं और असंगठित क्षेत्र में करोड़ों लोगों को अपना रोजगार गंवाना पड़ा है। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार (central government) ने बीमारी की रोकथाम और पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए 8923.8 करोड़ रुपये की राहत राशि जारी की है। केंद्र सरकार ने ये राशि 15 वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर 25 राज्यों को जारी की है।
वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक इस राशि का इस्तेमाल गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर कोरोना पीड़ितों को राहत पहुंचाने काम में किया जाएगा। ये राशि पंचायती राज के तहत चल रही व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार की ओर से दी गई अभी तक की सबसे बड़ी राहत राशि है।
15वें वित्त आयोग (15th Finance Commission) ने अपनी सिफारिश में जून 2021 में राहत की इस राशि को जारी करने की बात कही थी। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से समय के पहले ही अनुदान की इस राशि को जारी करने का आग्रह किया। पंचायती राज मंत्रालय की इस सिफारिश के बाद वित्त मंत्रालय ने समय से पहले ही 25 राज्यों के लिए 8923.8 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी।
केंद्रीय मदद की इस राशि में उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा 1441.6 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र को 861.4 करोड़ रुपये, बिहार को 741.8 करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल को 652.2 करोड रुपये, राजस्थान को 570.8 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश को 588.8 करोड़ रुपये, तमिलनाडु को 533.2 करोड़ रुपये और गुजरात को 472.4 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। इसके अलावा अन्य राज्यों को भी 15 वें वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक राहत की राशि जारी की गई है।
वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक जारी की गई ये राशि 2021-22 के लिए मुक्त अनुदान (यूनाइटेड ग्रांट) की पहली किस्त है। वित्त आयोग ने मुक्त अनुदान जारी करने के लिए कुछ शर्तें भी लगाई हैं। इन शर्तों में एक शर्त एक निश्चित प्रतिशत खातों की सार्वजनिक क्षेत्र में ऑनलाइन उपलब्धता भी शामिल है। हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न विषम परिस्थिति को देखते हुए मुक्त अनुदान की पहली किस्त जारी होते वक्त करते वक्त इस शर्त को छोड़ दिया गया है।