नई दिल्ली। शिक्षक दिवस (Teacher’s day) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता (National Award Winner) 46 शिक्षकों के साथ बातचीत की। इस संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने सफल शिक्षक होने के गुण भी बताए और भारत के दुनिया पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (world fifth largest economy) बनने पर खुशी जाहिर करते हुए स्वाधीनता आंदोलन (independence movement) की याद दिलाई। पीएम ने आह्वान किया कि अब एक बार फिर वैसा ही जोश और मिजाज चाहिए।
इस वर्ष राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों के साथ बातचीत के दौरान पीएम ने युवा दिमाग को सही आकार और दिशा देने के लिए हमने शिक्षकों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षकों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करने में बड़ी भूमिका निभाई है। पीएम मोदी ने कहा कि ये हमारा सौभाग्य है कि हमारे वर्तमान राष्ट्रपति भी शिक्षक हैं। उनका जीवन का प्रारंभिक काल शिक्षक के रूप में बीता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश भी आज नए सपने, नए संकल्प लेकर एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है कि आज जो पीढ़ी है, जो विद्यार्थी अवस्था में हैं, 2047 में हिंदुस्तान कैसा बनेगा ये उन्हीं पर निर्भर होने वाला है। उनका जीवन आप शिक्षकों के हाथ में है। पीएम ने कहा कि 2047 में देश गढ़ने का काम आज जो वर्तमान में शिक्षक हैं, आने वाले 10-20 साल तक जो सेवाएं देने वाले हैं, उनके हाथ में है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाने में हमारे टीचर्स का बहुत बड़ा रोल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि शिक्षक का काम सिर्फ क्लास लेना या स्कूल की नौकरी करना ही हो। शिक्षक का काम विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करना है। शिक्षक का कर्तव्य उनका जीवन स्तर सुधारने और उन्हें एक बेहतर नागरिक बनाना भी है। इसके लिए हमें बच्चों से जुड़ाव स्थापित करना होगा। इसी जुड़ाव से भविष्य के नेतृत्वकर्ता तैयार होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों के मन की दुविधाओं को दूर करने का काम शिक्षक ही सबसे बेहतर तरीके से कर सकते हैं। शिक्षक होने के नाते हमें विद्यार्थियों से क्लासरूम ही नहीं बल्कि उनके घर तक संपर्क स्थापित करना चाहिए। उनकी पारिवारिक स्थिति के अनुसार, उन्हें सुझाव देने चाहिए।
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफल शिक्षक होने के गुण भी बताए। पीएम ने कहा कि सफल टीचर वही होता है जिनकी स्टूडेंट के प्रति पसंद या नापसंद का भाव न रखे। भले ही क्लासरूम में उनकी अपनी संतान ही क्यों न हो। किसी के साथ भेदभाव न हो। शिक्षक समभाव से काम करते हैं। उन्हें प्रत्येक छात्र की चिंता रहनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान अर्थव्यवस्था की भी बात की। पीएम ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों से संवाद के दौरान कहा कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत ब्रिटेन से आगे निकल गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्थान को हासिल करना विशेष है क्योंकि हमने उन लोगों को पीछे छोड़ दिया है जिन्होंने 250 वर्ष तक हम पर शासन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षक दिवस से दो दिन पहले आई इस खबर ने आज का आनंद दोगुना कर दिया। मोदी ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में छठे नंबर से पांच पर आने से ज्यादा आनंद इसमें आया कि हमने उन्हें पीछे छोड़ा जो हम पर 250 साल राज करके गए थे। पीएम मोदी ने कहा कि यह पांच बड़ा स्पेशल है। यह मिजाज बहुत आवश्यक है। संकल्प करें- मैं मेरे देश को पीछे नहीं रहने दूंंगा। हजारों साल की गुलामी से बाहर निकले हैं अब रूकेंगे नहीं।
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