नई दिल्ली (New Delhi)। सर्जरी(Surgery) के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही (Negligence of doctors)के मामले अकसर सामने आते रहते हैं। बेंगलुरु (Bangalore)के एक अस्पताल में ऑपरेशन (Operation in the hospital)के दौरान डॉक्टरों ने एक सूई महिला की रीढ़ की हड्डी में ही छोड़ दी। कर्नाटक कंज्यूमर फोरम ने डॉक्टरों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। जानकारी के मुताबिक 2004 में महिला ने दीपक अस्पताल में रीढ़ की सर्जरी करवाई थी। इसी दौरान डॉक्टरों ने गलती से सूई अंदर ही छोड़ दी।
रिपोर्ट के मुताबिक 46 साल की पद्मावती को पेट और पीठ में भयंकर दर्द होता था। 6 साल तक उन्होंने इस दर्द को बर्दाश्त किया और फिर एक अन्य अस्पताल में सर्जरी करवाई। इस सर्जरी में रीढ़ की हड्डी के पीछे से सूई निकाली गई। मामला जब कंज्यूमर फोरम पहुंचा तो दीपक अस्पताल और दो डॉक्टरों को पद्मावती को 50 हजार रुपये का कानूनी खर्च देने का आदेश दिया गया।
इसके अ लावा अब अस्पताल में लापरवाही के खतरों के लिए बीमा करने वाली कंपनी इंडिया अश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 5 लाख रुपये का मुआवजा देना होगा। ऐसा ही एक मामला भोपाल केयर अस्पताल में सामने आया था। यहां एक महिला की सर्जरी के दौरान कैंची पेट में ही छोड़ दी गई थी। इसकी जानकारी चार महीने बाद हुई। जब एक्सरे कराया गया तब पता चला कि पेट में कैंची है। इसके बाद दोबारा ऑपरेशन करके इस कैंची को निकाला गया।
दरअसल महिला ने अस्पताल में ट्यूमर का ऑपरेशन करवाया था। पेट में कैंची होने की वजह से महिला के शरीर में संक्रमण फैलने लगा।
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