नई दिल्ली। देश में महिलाओं के खिलाफ (Against Women) घरेलू हिंसा के मामले (Cases of Domestic Violence) पिछले 7 साल से कम नहीं हुए (Have Not Reduced) हैं। निर्भया फंड से बने वन स्टॉप सेंटर, फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) के बावजूद, देश के कई शहरों में कोविड काल (Covid Period) में अधिक मामले सामने आ रहे हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट (NCRB report) में यह खुलासा हुआ हैं। जिसमें देश की राजधानी दिल्ली भी शामिल है।
आपको बता दें कि हाल ही में झारखंड के दुमका में अंकिता की हत्या को लेकर उपजे आक्रोश के बीच दिल्ली में भी इसी तरह की वारदात सामने आई है। यहां संगम विहार इलाके में एकतरफा प्यार में अमानत अली नाम के एक शख्स ने 11वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा को गोली मार दी। गनीमत है कि उसकी जान बच गई है। मामला 25 अगस्त का बताया जा रहा है। पुलिस ने अब अरमान अली को गिरफ्तार कर लिया है। घटना में दौरान उसके साथ रहे पवन और बॉबी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
इस संबंध में पुलिस का कहना है कि हत्या की कोशिश में 16 साल की लड़की को गोली मारकर भागे अरमान अली को गिरफ्तार कर लिया गया है। 19 साल का अरमान मूल रूप से मेरठ के मवाना का रहने वाला है। गिरफ्तारी के बाद उसने पुलिस को बताया कि सोशल मीडिया के जरिए उसकी लड़की से दोस्ती हुई थी। लेकिन कुछ समय पहले उसने बातचीत बंद कर दी, जिससे वह गुस्से में था और उसकी हत्या कर देना चाहता था। उसने घटना को अंजाम देने के लिए अपने साथ बॉबी और पवन को साथ लिया था।
अगर देश की राजधानी की बात करें तो दिल्ली में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध बढ़ते जा रहे हैं जो चिंता का विषय हैं तो हाल ही में एक रिपोर्ट (NCRB report) सामने आई है जिससे यह चिंता और भी बढ़ गई है। दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर है। यह बात राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) (National Crime Records Burea) की रिपोर्ट में कही गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 13,982 केस दर्ज किए गए जबकि देश के कुल 19 महानगरों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 43,414 मामले दर्ज किए गए। दिल्ली के बाद सबसे अधिक मामले मुंबई (Mumbai) में दर्ज किए गए. तीसरे नंबर पर बैंगलौर रहा।
विदित कि 10 साल पहले 16 दिसंबर को देश की राजधानी दिल्ली में चलती बस में 23 साल की एक युवती से हैवानियत के साथ दुष्कर्म किया गया। जिसको लोगों ने निर्भया कांड का नाम दिया। इस कांड ने देश को झकझोर दिया था। लोग गुस्से में सड़कों पर उतर आए, संसद में इस पर चर्चा हुई। सरकार हरकत में आई और दुष्कर्म जैसी घटनाओं को लेकर देश में सख्त कानून बनाया गया। वन स्टॉप सेंटर, फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट का गठन किया गया। साथ ही साथ ही समाज में भी बदलाव देखने को मिला।
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