इंदौर (Indore)। नगर निगम (Municipal council) की माली हालत खस्ता है और 500 करोड़ रुपए से अधिक की राशि ठेकेदारों की ही बकाया हो गई है, जिसके चलते पिछले दिनों कई विकास कार्यों (development works) के टेंडर ही ठेकेदारों ने नहीं भरे और निगम को बार-बार ये टेंडर जारी करना पड़ रहे हैं। दूसरी तरफ महापौर परिषद् की बैठक (mayor’s council meeting) में 200 करोड़ रुपए से अधिक के और नए कार्यों को मंजूरी दे डाली। वहीं एक दिन पहले महापौर सचिवालय पर बैठक बुलाई गई। बावजूद इसके कल कुछ सदस्यों ने अफसरों की घेराबंदी के प्रयास किए, तो दूसरी तरफ एक-दूसरे के विभागों में हस्तक्षेप करते भी परिषद् सदस्य नजर आए।
नगर निगम में कल हुई मेयर इन काउंसिल की बैठक में 100 से अधिक प्रस्ताव रखे गए, जिसमें 200 करोड़ से अधिक के विकास कार्य भी शामिल हैं, जिसमें प्रमुख चौराहों पर स्वागत द्वार बनाने से लेकर इंडोर स्टेडियम, पुल चौड़ीकरण के अलावा एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव इंदौर बायपास का भी शामिल था, जिसमें राऊ सर्कल से डीपीएस स्कूल तक एक तरफ दो लेन सीमेंट कांक्रीट की सर्विस रोड बनाई जाना है, जिस पर लगभग 77 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसी तरह सुदामा नगर और विश्वकर्मा नगर को जोडऩे वाली सडक़ पर भी 16.60 करोड़ की खर्च होगी।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की इस बैठक में आयुक्त प्रतिभा पाल के अलावा सभी अपर आयुक्त और विभागीय अधिकारी तो मौजूद रहे ही, वहीं परिषद् के अन्य सदस्य, जिनमें अश्विन शुक्ला, निरंजनसिंह चौहान, गुड्डू, अभिषेक शर्मा, रामानंदकिशोर पहाडिय़ा, मनीष शर्मा मामा, राजेश उदावत, राकेश जैन, श्रीमती प्रिया डांगी, अभिषेक शर्मा, जीतू यादव मौजूद रहे। श्री शर्मा ने कांग्रेसी वार्डों में हुए बोरिंगों पर सवाल उठाते हुए पिछले दिनों निगम द्वारा की गई कम्पाउंडिंग के प्रकरणों की जांच के लिए कमेटी कठित करने की भी बात कही। हालांकि अधिकारियों के विरोध को अधिक तवज्जो नहीं मिल सकी।
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