डेस्क: सुख-समृद्धि, सौभाग्य और आरोग्य का आशीर्वाद बरसाने वाला धनतेरस का पावन पर्व इस साल 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा. सनातन परंपरा के अनुसार धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के साथ धन के देवता कुबेर और आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा का विधान है. दिवाली के पंचदिवसीय त्योहार की शुरुआत धनतेरस महापर्व से ही होती है.
पंचांग के अनुसार धनतेसर का पर्व कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन नई चीजें जैसे गहनें, सोने-चांदी के सिक्के, नए बर्तन, नया वाहन आदि खरीदने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती और घर में पूरे साल संपन्नता बनी रहती है, लेकिन वहीं कुछ चीजों को घर में खरीद कर लाने पर सौभाग्य को बजाय दुर्भाग्य का सामना करना पड़ता है. आइए धनतेरस पर्व से जुड़े कुछ जरूरी नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं.
धनतेरस पर भूलकर न खरीदें ये चीजें
- धनतेरस के दिन खरीददारी करते समय इस बात का पूरा ख्याल रखें कि पूजा के लिए किसी भी प्रकार की बनावटी या फिर कहें प्लास्टिक की चीजें न खरीदें. वास्तु के अनुसार प्लास्टिक के बने फूल और मूर्तियां घर में नकारात्मक उर्जा बढ़ाती हैं. शुभता के लिए पूजा में मिट्टी से बनीं मूर्तियां और ताजे फूल का प्रयोग ही करें.
- धनतेरस के दिन किसी भी तरह की नुकीली चीज जैसे कैंची, चाकू, सुई आदि नहीं खरीदना चाहिए. मान्यता है कि धनतेरस के दिन ऐसी चीजों को पर लाने पर जहां घर में अशांति और कलह बनी रहती है, वहीं मां लक्ष्मी रूठ कर घर से चली जाती हैं.
- धनतेरस पर लोहे से बने सामान की खरीददारी करने से बचना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन घर में लोहा लाने पर शनि से संबंधित दोष लगता है.
- ज्योतिष के अनुसार कांच ओर एल्युमिनियम का संबंध राहु से माना जाता है. ऐसे में इस ग्रह से संबंधित दोष से बचने के लिए धनतेरस वाले दिन इन दोनों धातु के बर्तन या सामान भी नहीं खरीदना चाहिए.
- धनतेरस के दिन नकली फूल की तरह भूलकर नकली गहने भी नहीं खरीदने चाहिए. इस दिन आर्टिफिशियल गहनों को खरीदकर घर में लाना बेहद अशुभ माना गया है. मान्यता है कि ऐसा करने पर घर में दु:ख-दारिद्रय बढ़ता है.