हमीरपुर: उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड इलाका अप्रैल शुरू होते ही तप रहा है. फागुन की दोपहरी इस बार जेठ महीने की तरह तप रही है और तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है. तापमान बढ़ने से दिन चढ़ने के साथ ही गर्म हवाएं चलने लगी हैं. लोगों का कपड़े व टोपी से सिर ढके बिना दोपहर में सड़कों पर निकलना मुश्किल हो गया है. बढ़ते तापमान का दुष्प्रभाव आम जनमानस के साथ पशु पक्षियों व फसलों पर भी साफ दिखाई पड़ रहा है.
समय से पहले पक गई फसलें – कृषि विज्ञान केंद्र के फसल वैज्ञानिक एसपी सोनकर ने बताया कि तापमान बढ़ने से पिछैती गेहूं की फसलें समय के पहले ही पक गईं. जिससे फसलों में दाना कमजोर होने की आशंका है. वहीं जायद सीजन की मूंग व सब्जी की बोई फसलें दोपहर में मुरझानें लगी हैं. सोनकर ने कहा कि आम की बौर झुलस रही है, जो फसलें बाद में बोई गईं उनमें अंकुरण देरी से हो रहा है. तापमान अधिक होने से बीजों में अंकुरण कम होगा.
बढ़ने लगी गर्मी जनित बीमारियां – तापमान अधिक होने से लोग गर्मी जनित बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. जिला अस्पताल की पुरुष ओपीडी में गुरुवार को एक हजार मरीजों ने इलाज कराया. वहीं पिछले सोमवार को 1000 व मंगलवार को 826 मरीजों ने पर्चे बनवाए. सबसे अधिक खांसी, बुखार, सिरदर्द व डायरिया से पीड़ित रोगियों की संख्या अधिक है.
डायरिया के बढ़ रहे मरीज – बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आशुतोष निरंजन ने कहा कि गर्मी में सिर पर ठंडा पानी न डालें. धूप से आने के बाद तुरंत मुंह भी न धोएं. ऐसा करने से बीमार हो सकते हैं. डॉक्टर ने बाहरी खान पान का सेवन करने से बचने को कहा है. उन्होंमे कहा कि डायरिया से पीड़ित 45 मरीज मिले हैं. जिसमें दो बच्चों की हालत ज्यादा खराब होने पर उन्हें भर्ती कराया गया है. अचानक बढ़े तापमान से सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों ने रोगियों की भारी भीड़ उमड़ रही है.
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