नई दिल्ली। कीमतों में नरमी और त्योहारी मांग की वजह से भारतीयों ने इस साल की तीसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में 210.2 टन सोना खरीदा। यह एक साल पहले की समान तिमाही में खरीदे गए 191.7 टन सोने की तुलना में 10 फीसदी अधिक है। विश्व स्वर्ण परिषद ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि 2023 की तीसरी तिमाही में भारत ने 220 टन सोने का आयात किया। यह आंकड़ा जुलाई-सितंबर, 2022 में आयात किए गए 184.5 टन सोने से 19.24 फीसदी अधिक है। डब्ल्यूजीसी के क्षेत्रीय मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा, दुनिया में सोने के दूसरे सबसे बड़े उपभोक्ता भारत में सितंबर तिमाही में पीली धातु की कीमतों में नरमी आई। इससे लोगों में सोने के प्रति आकर्षण बढ़ा।
सोने की छड़-सिक्कों में निवेश 8 साल के शीर्ष पर
रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की तीसरी तिमाही में सोने के आभूषणों की मांग सात फीसदी बढ़कर 155.7 टन पहुंच गई। 2022 की समान तिमाही में भारतीयों ने 146.2 टन आभूषण खरीदे थे। इस अवधि में सोने की छड़ और सिक्के की मांग 20 फीसदी बढ़कर 45.4 टन से 54.5 टन पहुंच गई। खास बात यह है कि तीसरी तिमाही के दौरान सोने की छड़ और सिक्कों में निवेश 2015 के बाद आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
कीमतों में तेजी का धनतेरस की खरीदारी पर दिखेगा असर
सोमसुंदरम ने कहा, पिछली तिमाही में सोने की कीमतों में नरमी के बाद अब इसमें तेजी आनी शुरू हो गई है। कीमतों में उछाल का धनतेरस और शादियों के सीजन में सोने की खरीदारी पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, चौथी तिमाही में सोने की मांग तीसरी तिमाही के समान ही रहने की उम्मीद है। अगर कीमतों में और बढ़ोतरी नहीं हुई तो मांग थोड़ी बेहतर होगी।
वैश्विक स्तर पर 6% घटी मांग
वैश्विक स्तर पर सोने की मांग 2023 की तीसरी तिमाही में छह फीसदी घटकर 1,147.5 टन रह गई। केंद्रीय बैंकों की ओर से सोने की छड़ों और सिक्कों की मांग में नरमी से यह गिरावट आई है।
2023 में कम रहेगी बिक्री पर आयात में होगा इजाफा
2023 के पहले नौ महीनों में सोने की मांग 481.2 टन रही। इस पूरे साल मांग 700-750 टन रह सकती है, जो 2022 के 774 टन से मामूली कम है। हालांकि, इस साल सोने का आयात 2022 के 650.7 टन से अधिक रहने की उम्मीद है। इस साल के पहले नौ महीने में भारत ने 563 टन सोने का आयात किया है। दुनिया में सोने के सबसे बड़े उपभोक्ता देश चीन में सोने की मांग जुलाई-सितंबर अवधि में एक साल पहले के 242.7 टन से मामूली बढ़कर 247 टन पहुंच गई। पाकिस्तान में इस दौरान मांग 11 फीसदी घटकर 11.6 टन रह गई।
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