उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में पिछले एक सप्ताह से लड्डू प्रसादी की व्यवस्था बिगड़ी हुई है। यहाँ सुबह से दोपहर तक ही काउंटरों पर रखा गया लड्डू प्रसाद खत्म हो रहा है। इसके बाद श्रद्धालुओं को प्रसाद नहीं मिल पा रहा। जवाबदारों का दावा है कि माँग के अनुरूप यूनिट में लड्डू प्रसाद का निर्माण हो रहा है लेकिन काउंटरों पर वितरण व्यवस्था बिगड़ी हुई है। उल्लेखनीय है कि महाकालेश्वर मंदिर में कोरोना के सारे प्रतिबंध हटने के बाद से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। पिछले दिनों महाशिवरात्रि पर रिकार्ड दो लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकाल दर्शन किए थे और एक ही दिन में 15 लाख से ज्यादा का लड्डू प्रसाद बिक गया था। इसके बाद से लगातार महाकाल मंदिर में प्रसाद काउंटरों पर लड्डू प्रसाद की माँग बढ़ गई थी। मंदिर समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि चिंतामण स्थित लड्डू निर्माण यूनिट में रोजाना 25 से 30 क्विंटल लड्डू प्रसाद तैयार किया जा रहा है।
तैयार प्रसादी सुबह 8 बजे ही चिंतामण से महाकाल मंदिर के काउंटरों पर भेज दी जाती है। इसके बावजूद श्रद्धालुओं को दोपहर बाद काउंटरों पर प्रसाद नहीं मिल रहा। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि प्रसाद काउंटरों पर बैठे कर्मचारियों द्वारा लड्डू प्रसादी का वितरण ठीक से नहीं किया जा रहा। काउंटरों पर एक ही श्रद्धालु को कई पैकेट लड्डू प्रसाद बेचा जा रहा है। ऐसे में अन्य श्रद्धालुओं को दोपहर बाद प्रसाद नहीं मिल पा रहा। यही कारण है कि महाकाल मंदिर के लड्डू प्रसाद काउंटरों पर दोपहर में स्टाक खत्म होने के बाद कई बार कर्मचारी यहाँ बैठते ही नहीं और काउंटर सूने पड़े रहते हैं। इन समस्याओं के बावजूद जवाबदार पदाधिकारी मंदिर के प्रसाद काउंटरों पर प्रसादी वितरण व्यवस्था सही ढंग से नहीं बना रहे हैं। अगर अधिकारी इस पर नजर रखे तो प्रत्येक काउंटर पर बैठे कर्मचारियों को यह निर्देशित किया जा सकता है कि एक श्रद्धालु को कई पैकेज देने की बजाय निर्धारित संख्या में प्रसाद बेचे ताकि अन्य श्रद्धालुओं को भी यह मिल सके। कुल मिलाकर पिछले एक हफ्ते से महाकाल मंदिर में काउंटरों पर लड्डू प्रसाद की कमी बनी हुई है। इधर मंदिर की चिंतामण स्थित लड्डू निर्माण यूनिट में भी एक दिन में औसतन 25 से 30 क्विंटल प्रसाद ही बन पाता है। ऐसे में विशेष अवसरों पर जब एक ही दिन में 100 क्विंटल या इससे अधिक लड्डू प्रसादी की माँग रहती है तो मंदिर समिति को 3-4 दिन पहले स्टाक तैयार करवाना पड़ता है। परंतु लड्डू निर्माण यूनिट में स्टाक तैयार कर लड्डू प्रसाद को सुरक्षित रखने की व्यवस्था और संसाधन भी नहीं हैं।
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