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    40 प्रतिशत किसानों के सहकारी बैंक खाते नहीं होने से उनके समक्ष हो रही खाद की किल्लत

  • November 30, 2021

    • एमपी एग्रो के माध्यम से हो रही थी उपलब्धता पर वह भी बंद- निजी व्यापारी वसूल रहे अधिक दाम

    आगर मालवा। जिले के 40 प्रतिशत ऐसे किसान जिनके सहकारी सोसायटियों में खाते नहीं है, या वे बैंक में ओव्हर ड्यू हो चुके हंै, ऐसे किसानों को वर्तमान में खाद ना तो सोसायटियों से मिल पा रही है और एमपी एग्रो के माध्यम से ऐसे किसानों को खाद की उपलब्धता जो शासन द्वारा करवाई जा रही थी, वह भी बंद कर देने से वर्तमान में जिला मुख्यालय पर ऐसे किसानों को रबी फसल की बोवनी के दौरान खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी गोदामों पर खाद न मिलने के चलते अब निजी खाद बीज विक्रेताओं की दुकानों के बाहर खाद लेने के लिए किसानों की लंबी कतार लगी हुई देखी जा रही है। यहां खाद के अधिक दाम और इंतजार के बाद किसानों को खाद मिल पा रही है। ऐसे किसानों को 20 दिन पूर्व तक पुरानी कृषि उपज मंडी स्थित एमपी एग्रो के गोदाम से खाद दी जा रही थी, लेकिन यहां प्रतिदिन किसानों की लंबी कतार व किसानों के बीच छोटे-मोटे विवादों के बाद खाद मिलना बंद होने के साथ उपर से आपुर्ती ही बंद कर दी गई है और यहाँ सम्बन्धितों द्वारा आगे से खाद नहीं मिलने की सूचना भी चस्पा कर दी, लेकिन जानकारी के आभाव में हर दिन यहां किसान खाद लेने पहुंच रहे हैं।


    सोमवार को भी खाद लेने एमपी एग्रो के इस गोडाउन पहुंचे किसान रमेश जमादार खजूरी चौपड़ा, रमेश चैहान नान्याखेड़ी, अनोखाबाई मल्लूपुरा, जितेन्द्र पटेल पिानिया हनुमान, हाफिज खां निपानिया बैजनाथ, सुरेसिंह देवली, निर्भयसिंह बापचा, नारायणसिंह रोजाना, गोर्वधन सुण्डी, तूफानसिंह लाला सहित दर्जनों किसानों को खाद के बिना ही वापस लोटना पडा। उनका कहना था कि हमारा सहकारी बैंक में केसीसी नहीं है और एमपी एग्रो से हमेखाद मिलता था और यहां भी नहीं मिल रहा है, ऐसे में हम किसानों को खाद लेने के लिए निजी विक्रेताओं के पास जाना पडेगा जहां हमसे दाम अधिक लिए जाएंगे।

    केवल सहकारी सोसायटी और प्रायवेट को ही मिल रही खाद
    ऊपर से आने वाली खाद केवल सहकारी सोसायटियों और प्रायवेट लायसेंसधारी व्यापारियों को ही दी जा रही है, ऐसे में सहकारी संस्था के माध्यम से उन किसानों को खाद उपलब्ध करवाई जाती है जो किसान उनके खातेदार है संस्था द्वारा उन किसानों को खाद नहीं दी जाती है जो खातेदार तो है पर संस्था में ओव्हर डयू है और जो संस्था के खातेदार नहीं है उनको खाद नहीं दी जाती है। ऐसे में ऐसे किसान जो कि 40 प्रतिशत के करीब जिले में वै किसान खाद के लिए निजी व्यापारियों के पास ही पहुंच रहे हंै। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शाजापुर जिला आगर के नोडल अधिकारी सुरेशचंद्र शर्मा ने बताया कि सहकारी सोसायटियों में किसानों वितरित करने के लिए 267 टन युरिया स्टाक में रखा है जो उनके द्वारा वितरित किया जा रहा है और जहां आवश्यकता रहती है उसे हम गोडाउन से युरिया उपलब्ध करा रहे है, जहां वर्तमानमें हमारे पास करीब 250 टन युरिया स्टाक में है उनहोंने बताया कि प्रायवेट लायसेंसधारी व्यापारियों के पास 90 टन युरिया स्टाक में है। इसके अलावा नैनो युरिया का 13000 बाटल युरिया भी स्टाक में है। उन्होंने बताया कि जिनके संस्था में खाते है उन सभी किसानों को ओव्हर डयू किसानों को छोडकर खाद उपलब्ध करवाई जा रही है, जिसमे किसी प्रकार की कोई खाद की कमी नहीं आ रही है।

    इनका कहना: हमारे द्वारा गोदाम से 100 टन यूरिया खाद का वितरण किसानों को किया जा चुका है, अधिकारियों का मानना है कि खाद वितरण में अव्यवस्था हो रही है, इस कारण आगे से ही यूरिया खाद यहां नही आ रही है।
    2 ओपी विजयवर्गीय, प्रबंधक एमपी एग्रो आगर मालवा

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