भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को अपने निवास पर, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का अवलोकन और अध्ययन करने आए केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों से मुलाकात की। सीएम शिवराज ने कहा है कि मध्य प्रदेश में बीते पखवाड़े अतिवर्षा से हुई हानि की विस्तृत जानकारी केन्द्र सरकार को दी गई है। राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों को अधिकाधिक सहायता दी है। आगे भी राहत पहुँचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय अध्ययन दल के प्रभावित जिलों में भ्रमण के पश्चात इन कार्यों को पूरी तरह से सुनिश्चित करने में सहयोग मिलेगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त के.के. सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मनीष रस्तोगी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। वहीं इससे पहले अध्ययन दल के समक्ष गुरुवार को विस्तृत प्रजेंटेशन के माध्यम से भी प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति को सामने रखा जा चुका है।
मुख्यमंत्री शिवराज ने केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों को बताया कि अगस्त माह के अंतिम सप्ताह प्रदेश के कई जिले अतिवर्षा से प्रभावित हुए। इससे फसलों, मकानों की क्षति के साथ ही मवेशियों की जान गई और लोग अपने घरों से रेस्क्यू द्वारा राहत शिविरों में पहुंचाये गए। जनहानि न हो, इसके प्रयास किए गए और इसमें सफलता भी मिली। मुख्यमंत्री ने बताया कि 28 एवं 29 अगस्त को अतिवृष्टि से जलस्तर ग्रामीण आवासीय क्षेत्रों तक पहुंच गया था। सतर्कता के कारण सेना और अन्य राहत दलों ने दिन-रात कार्य किया। निरंतर मॉनीटरिंग की गई। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी 48 घंटे सोये नहीं। तत्काल प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर लोगों की जीवन रक्षा और राहत शिविरों में उनके ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था का कार्य सुनिश्चित किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सीहोर, रायसेन, होशंगाबाद, हरदा, देवास सहित इन्दौर, आगर-मालवा, भोपाल और छिंदवाड़ा में 26 से 39 प्रतिशत तक अधिक वर्षा अगस्त माह में दर्ज की गई। प्रदेश में होमगार्ड, सेना, एसडीईआरएफ और एनडीईआरएफ ने रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सक्रिय होकर कार्य किया। देश में 13 हजार 344 लोग रेस्क्यू किए गए। अतिवर्षा से अधिक प्रभावित जिलों में उज्जैन, खरगौन, खण्डवा, विदिशा, निवाड़ी, नरसिंहपुर, सिवनी से कुल 22 हजार 546 लोगों उनके निवास स्थान से हटाकर सुरक्षित किया गया। प्रदेश में कुल 231 राहत शिविर स्थापित किए गए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि अतिवर्षा और बाढ़ से 24 जिलों में लगभग 15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का नुकसान हुआ है। करीब 17 लाख किसान प्रभावित हुए हैं। सरकार ने फौरी राहत के लिए पूरे प्रयास किए हैं। अभी भी लोगों को राहत की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय दल से प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के विस्तृत निरीक्षण और प्रभावित व्यक्तियों से मुलाकात और चर्चा के बाद क्षति की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आग्रह किया।
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