इंदौर। आबकारी विभाग रात को शहर की होटलों और ढाबों पर अवैध शराब बिक्री के खिलाफ अभियान चला रहा है। कल रात भी विभाग ने 14 प्रकरण दर्ज किए, लेकिन दूसरी ओर शहर की सडक़ों पर शराब दुकानों के बाहर खुलेआम सुबह से शराबियों की महफिल सज रही है, जिस पर अधिकारी आंखों पर पट्टी बांधे खड़े नजर आ रहे हैं। आज सुबह 7 बजे भी शहर के मध्य में मालवा मिल चौराहे पर शराब दुकान की खिडक़ी से शराब लेकर सडक़ पर ही खुलेआम लोग शराब पीते नजर आए। यह नजारा रोज देखा जा सकता है। खास बात यह है कि सामने ही पुलिस चौकी भी है, लेकिन न तो आबकारी विभाग और न ही पुलिस ऐसी शराब दुकान या शराबियों पर कार्रवाई करती है।
एक-दूसरे पर जिम्मेदारी ढोलते अधिकारी
जब शराब दुकानों के बाहर शराब पीने की बात सामने आती है तो दो ही विभागों की जिम्मेदारी बनती है-पहला आबकारी और दूसरा पुलिस विभाग। लेकिन आबकारी विभाग कहता है कि दुकान के बाहर खुले में शराब पीने पर पुलिस को कार्रवाई करना चाहिए, जबकि पुलिस कहती है कि शराब दुकान के बाहर दुकान परिसर में अवैध रूप से शराब पिलाने पर आबकारी विभाग को कार्रवाई करना चाहिए। हालांकि दोनों विभाग दुकानदारों से ‘अच्छे संबंध’ बनाए रखने के लिए कार्रवाई से बचते हैं।
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