सहजन (sahijan) आपके लिए इतनी गुणकारी जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते। इसका सेवन न सिर्फ आप स्वादिष्ट सब्जी और सांभर के तौर पर करते हैं बल्कि यह तमाम बीमारियों के लिए दवा के रूप में भी काम आती है। इसके पौधे के अलग अलग भागों में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं। लोग हर तरह से अपना इम्युनिटी बूस्ट करने में लगे हैं। इसलिए अधिकांश लोग अपने भोजन में पौधे से प्राप्त भोजन (plant-based diet ) को अपनी आहार में शामिल करने लगे हैं। पौधे से प्राप्त भोजन में ज्यादा विटामिन, मिनरल आदि कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। पौधों में एक नाम है सहजन जिसमें कई तरह के पोषक तत्वों (nutrients) का खजाना है। आमतौर पर दक्षिण भारत में इसका ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। सहजन को स्पिरुलिना भी कहा जाता है।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी के दौर में सहजन पोषक तत्व और इम्युनिटी के लिए सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है। यह एंटीऑक्सीडेंट का पॉवर हाउस है। इसलिए सहजनके पौंधे को चमात्कारिक पौधा माना जाता है। सहजन में विटामिन, मिनरल, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन और कई अन्य तत्व पाए जाते हैं। सहजन घातक बैक्टीरिया से शरीर की रक्षा करता है। डॉ बताते हैं कि सहजन से लीवर फंक्शन बेहतर होता है और हड्डियों में मजबूती आती है।
खाने के अलावा सहजन के कई और काम
इस पौधे से बनी चीजों को न सिर्फ खाया जाता है बल्कि कई सांस्कृतिक उत्सवों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। सहजन की हर चीज का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी पत्तियों को सुखाकर पकाया जाता है फिर खाया जाता है जबकि इसके बीज और छाल से बारीक चूर्ण भी बनाया जाता है। इसकी लकड़ी से कागज बनाया जाता है। यह बाजार में टैबलेट के रूप में भी बिकता है। दूसरी ओर इस पौधे की छाल में प्रचूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसकी छाल का इस्तेमाल चटाई बनाने में किया जाता है। दक्षिण भारत (South India) के भोजन सांभऱ, कड़ी, अचार आदि में सहजन के पौधे का खूब इस्तेमाल होता है।
सहजन से क्या-क्या फायदे
एक्सपर्ट के मुताबिक सहजन में दूध की तुलना में 17 गुना ज्यादा कैल्शियम पाया जाता है जबकि गाजर की तुलना में 10 गुना ज्यादा विटामिन ए पाया जाता है। इसी तरह संतरे की तुलना में 7 गुना ज्यादा विटामिन सी और पालक की तुलना में 25 गुना ज्यादा आयरन पाया जाता है। इसलिए कुपोषण से लड़ने में सहजन सबसे बेहतर चीज है।
सहजन स्किन और बालों के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है। सहजन में टॉक्सिन (toxin) को खत्म करने की क्षमता है। इसलिए यह बालों के नीचे रोम छिद्र (hair follicles) को साफ करता है। सहजन चेहरे पर किसी तरह के दाग-धब्बे को जड़ से खत्म कर देता है। सहजन की पत्ती का इस्तेमाल कई तरह के कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में किया जाता है।
मोरिंगा मोटापे की समस्या को भी कम कर सकता है। इसमें कोलेस्ट्रॉल बहुत कम पाया जाता है। यह शरीर में ऊर्जा को कम किए बिना वजन घटाने (Reduce weight) में सहायक है। सहजन के सेवन से व्यक्ति खुश और तरो-ताजा रहता है।
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