नई दिल्ली (New Delhi) । राजधानी में पिछले 5 वर्षों में ड्रग्स तस्करी (drug trafficking) के मामलों में करीब तीन गुना तक की बढोतरी हुई है। हालांकि तस्करों की गिरफ्तारी (arrest) का आंकड़ा भी दोगुना से ज्यादा है। तस्करों की धर-पकड़ के बीच को चौंकाने वाली बात सामने आई है कि ये तस्करी का रूट अब तेजी से बदल रहे हैं।
अमूमन पहले नशीले पदार्थों की तस्करी ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से होते हुए जम्मू-कश्मीर और पंजाब के रास्ते भारत पहुंचती थी। हाल-फिलहाल में हुई धर-पकड़ की कार्रवाई के दौरान पता लगा कि अब तस्करों ने रूट बदल कर श्रीलंका, मालद्वीप से तमिलनाडु और केरल के समुद्री रास्ते का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसकी बड़ी वजह ये भी है कि दोनों प्रदेशों के समुद्र की सीमाएं काफी लंबी हैं और कई बंदरगाहों से इनकी सीधी कनेक्टिविटी है। एजेंसियों की मानें तो ड्रग्स तस्कर ही नहीं बल्कि खरीदार भी बचने के सभी संभव तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ड्रग्स ऑर्डर से लेकर उसके लिए लेन-देन करने का तरीका भी इंटरनेट के माध्यम पर आधारित होता जा रहा है। ये लोग पेमेंट के लिए किसी करेंसी में नहीं करते, बल्कि वर्चुअल लेनदेन करते हैं। इससे एजेंसियों से बचे रहने में मदद मिलती है।
इन तीन प्रतिबंधित संगठनों का बढ़ा दबदबा
खुलासा हुआ कि पहले इस कारोबार में अंडरवर्ल्ड या फिर उसके नेटवर्क से जुड़े लोगों का बोलबाला रहता था। अब नार्को टेरर एंगल सामने आने पर इसमें तीन प्रमुख प्रतिबंधित आतंकी संगठन आईएसआईएस, लश्कर-ए-तैय्यबा और लिट्टे के शामिल होने का खुलासा हुआ है।
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