बाकलीवाल ने कहा-कुछ लोग निजी स्वार्थ से लगा रहे हैं निराधार आरोप, शहर में 45 स्टॉकिस्ट
इंदौर। शहर में अब कोरोना के इलाज में लगने वाली फेबीफ्लू (Febiflu) गायब होने लगी है। कल सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने दवा बाजार (drug market) एसोसिएशन अध्यक्ष विनय बाकलीवाल (Vinay Bakaliwal) को घेरा और कहा कि वे इसके स्टॉकिस्ट हैं और उन्होंने दवाइयां दबाकर रख ली है। सोशल मीडिया (social media) पर यह मैसेज इतना वाइरल हुआ कि शाम को बाकलीवाल को इस बारे में स्पष्टीकरण देना पड़ा।
कोरोना की जीवनरक्षक (lifeboats) दवा के रूप में इस्तेमाल किए जाने वले रेमडेसिविर ( remdesiver) और टोसीजुमेब (tocizumeb) इंजेक्शन के बाद अब फेबीफ्लू (Febiflu) का बाजार में टोटा आ गया है। मरीजों की संख्या लगातार बढऩे और कई मरीजों के घर पर ही आइसोलेट रहकर इलाज करवाने से फेबीफ्लू की डिमांड बढऩे लगी है। दवा बाजार में आने वाले मेडिकल स्टोर संचालक और अन्य व्यक्ति भी इसी दवा की डिमांड ज्यादा कर रहे हैं, लेकिन दवा उपलब्ध नहीं हो रही है। दवा आती भी है तो कब खत्म हो जाती है, पता ही नहीं चलता। इसको लेकर कल सोशल मीडिया (social media) पर दवा बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल पर आरोप लगाया कि वे शहर में इस दवा के स्टॉकिस्ट हैं और उन्होंने दवाएं दबाकर रख ली है। यहां तक कि दवाबाजार के थोक विक्रेता भी बाकलीवाल का नाम ही लेते हैं। दिनभर आरोपों से घिरे रहने के बाद बाकलीवाल को शाम को सफाई देना ही पड़ी। उन्होंने सोशल मीडिया (social media) पर लिखा कि मेरे सहित इस दवा के 45 स्टॉकिस्ट है, जहां से ये दवा सप्लाई हो रही है। हम लोग लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग निजी स्वार्थ के चलते इस प्रकार के भ्रामक मैसेज चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग अपनी ऊर्जा लोगों की सेवा में लगाएं। बाकलीवाल ने कहा कि वे खुद एसोसिएशन और कांग्रेस के माध्यम से लोगों की सेवा कर रहे हैं और कुछ लोग इस प्रकार का भ्रम फैलाकर उन्हें बदनाम कर रहे हंै।
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