उज्जैन। ड्रग विभाग द्वारा हार्ट पेशेंट को पेट की दवा देने के मामले में कल एक मेडिकल स्टोर को सीलबंद कर दिया है। इसके अलावा मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट की गैरहाजरी और दवाईयों का सही रिकार्ड रखने में भी लापरवाही बरती जा रही थी। मामले में मेडिकल संचालक को कारण बताओ नोटिस भी दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि शहर में एक निजी अस्पताल के मेडिकल स्टोर द्वारा दिल के मरीज को पेट की दवाई देने का मामला सामने आया है। मरीज करीब एक महीने से गलत दवाई का सेवन कर रहा था। इसके बाद शिकायतकर्ता की शिकायत पर कलेक्टर के आदेश पर गठित टीम द्वारा जांच की गई। शिकायत को सही पाया गया। वहीं शुक्रवार को ड्रग विभाग ने उक्त मेडिकल स्टोर को 15 दिन के लिए सीलबंद किया गया। मामले में शिकायतकर्ता जिला कलेक्टर का गनमैन बताया जा रहा है। उक्त शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया कि 28 अक्टूबर 2024 को उनके पिता जो कि दिल के मरीज हैं, उनका इलाज यहां अस्पताल में चल रहा था। डॉक्टर ने दवाई तो दिल की बीमारी की लिखी लेकिन मेडिकल स्टोर से पेट की बीमारी की कोई दवाई दे दी और यह बात जब सामने आई तो वे 27 नवंबर को दूसरी बार दवाई लेने उसी मेडिकल पर पहुंचे। पिछले एक महीने से उनके पिताजी गलत दवाई का सेवन कर रहे थे। साथ ही अपनी गंभीर बीमारी की सही दवाई भी नहीं ले पाए। ऐसे में अगर कुछ अनहोनी होती तो इसका जिम्मेदार कौन होता। शिकायतकर्ता की शिकायत पर कलेक्टर नीरजकुमार सिंह के आदेशानुसार एवं सीएमएचओ डॉ. अशोककुमार पटेल के मार्गदर्शन में पाटीदार मेडिकल की जांच 27 नवंबर को की गई, इसके बाद शिकायत सही पाने पर मेडिकल को 15 दिन के लिए सीलबंद किया गया।
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