इंदौर। ड्रग माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर के पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारियों को दिए हैं। वहीं नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा भी अभी 15 से 22 दिसम्बर तक नशा विरोधी विशेष अभियान चलाया जाएगा। केन्द्र सरकार ने प्रदेश को जो 15 जिलों की सूची भिजवाई है, जहां नशीली वस्तुओं का कारोबार अधिक पाया गया, उनमें इंदौर भी शामिल हैं, जहां चरस-गांजा से लेकर सबसे अधिक कैमिकल ड्रग की सप्लाय होती है, जो कि अत्यंत खतरनाक स्वास्थ्य के लिए मानी जाती है। इंदौर आए मुख्यमंत्री ने जहां नशा मुक्ति केन्द्र का शुभारंभ किया, वहीं सख्ती से इस काले धंधे को नैस्तनाबूत करने के निर्देश भी दिए।
कल सुबह पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए ड्रग माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों को दिए। इस बैठक में मुख्य सचिव इकबालसिंह बैस, डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजोरा सहित अन्य उपस्थित रहे। देश में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भारत सरकार द्वारा आगामी 15 दिसंबर से 22 दिसंबर तक नशा विरोधी विशेष अभियान चलाया जाना प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि इस संबंध में प्रदेश में सघन अभियान चलाए जाकर नशीली वस्तुओं का कारोबार करने वालों को नेस्तनाबूद कर दिया जाए। भारत सरकार के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा प्रदेश के 15 जिलों की सूची भिजवाई गई है जहां नशीली वस्तुओं का कारोबार अधिक पाया गया है। ये जिले हैं इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, रतलाम, ग्वालियर, सतना, सागर, दतिया तथा रीवा। इसके अलावा विदिशा, पिपरिया, आगर- मालवा क्षेत्र भी संवेदनशील है। इन सभी क्षेत्रों में अधिक मामले सामने आए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में इंदौर आदि जिलों में ड्रग माफियाओं के खिलाफ सराहनीय कार्रवाई की गई है।
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