भोपाल । राज्य शासन अब सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा संचालित मैदानी कार्यक्रमों की निगरानी ड्रोन के जरिये कराई जाएगी। इसके लिए सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए गए हैं। कलेक्टरों से कहा गया है कि अपने विभाग से संबंधित ऐसे कार्यक्रमों की जानकारी दें जिसमें ड्रोन तकनीक का उपयोग कर उसकी मानीटरिंग की जा सकती है। इसके बाद शासन की ओर से सभी संबंधित मसलों पर निर्देश जारी किए जाएंगे। शासन का मानना है कि यह तकनीक निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने में भी सहायक होगी।
कलेक्टरों को दिए निर्देश में कहा गया है कि शासन के समस्त विभागों द्वारा अपनी सेवाओं एवं गतिविधियों का आंकलन कर आवश्यकतानुसार अधिक सटीक, किफायती, तीव्र और मितव्ययता के आधार पर विभागीय सेवाओं में संभावित सेवाओं का ड्रोन्स के माध्यम से प्रदाय करने के संबंध में चयन किया जाना है। इसका उपयोग किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग में किसानों को उर्वरक एवं कीटनाशक स्प्रे जैसी सेवाएँ प्रदाय करने में किया जा सकता है। लोक निर्माण विभाग में संचालित बड़ी परियोजनाओं की निगरानी, सर्वे, मापन, गुणवत्ता प्रबंधन आदि में ड्रोन का उपयोग किया जा सकता है। यही स्थिति पंचायत और ग्रामीण विकास के मामले में भी प्रभावी हो सकती है। गृह विभाग अंतर्गत सुरक्षा संबंधी दिशा निदेर्शों को लागू करते हुए रेड, येलो एवं ग्रीन जोन की पहचान करने में ड्रोन का उपयोग किया जा सकता है। इसलिए कलेक्टर समस्त विभाग प्रमुखों के जरिये अपने विभाग से संबंधित शासकीय योजनाओं में ड्रोन तकनीकी के उपयोग से अवगत कराएंगे।
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