नई दिल्ली। समुंदर (Sea) के लुटेरे, दूसरे देश की सीमा, हाइजैक जहाज (hijack ship) और उस पर फंसे 15 भारतीय क्रू मेंबर। फिर चला भारतीय नौसेना का मिशन और न सिर्फ हाइजैकर्स पर काबू पाया गया, बल्कि सभी को सुरक्षित भी बचा लिया गया। यह मिशन भारतीय नौसेना की अदम्य साहस को तो दिखाता ही है। साथ ही दिखाता है कि भारतीय नौसेना समुंदर में भी कितनी सक्षम हो चुकी है। इस मिशन में इंडियन नेवी ने पहले कदम से ही तकनीक और सूझबूझ का ऐसा समन्वय बिठाया कि सफलता मिल ही गई। आइए जानते हैं हाइजैक हुए एमवी लिली नॉरफॉक और उसे बचाने के मिशन की पूरी कहानी…
ऐसे चला मिशन
डिफेंस अफसरों ने इस मिशन की पूरी कहानी बताई है। इसके मुताबिक एमवी लिली नॉरफॉक के हाइजैक होने की सूचना मिलते ही भारतीय नौसेना सक्रिय हो गई थी। बीती रात जैसे ही हाइजैकिंग की सूचना मिली, इस पर नजर रखने के लिए एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन भेज दिया गया था। इस ड्रोन की मदद से शिप पर हो रही गतिविधियों पर नजर रखी जाने लगी। आगे के मिशन में यह रियल टाइम सूचना बेहद मददगार हुई। इसके बाद आज आईएनएस चेन्नई को रेस्क्यू मिशन के लिए रवाना किया गया। वहीं, नेवी मुख्यालय में बैठे अधिकारी ड्रोन से भेजे गए फीड के जरिए पूरे मिशन पर नजर रखे हुए थे।
मिशन कंप्लीट
इसके अलावा भारतीय नौसेना ने इस मिशन पर मैरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर्स और पी-8। को भी लगाया था। शुक्रवार को शाम करीब तीन बजकर पंद्रह मिनट पर आईएनएस चेन्नई ने जहाज को इंटरसेप्ट कर लिया। इसके बाद कमांडोज जहाज पर उतरे और सैनिटेशन ऑपरेशन को पूरा किया। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा कि जहाज पर मौजूद सभी 21 क्रू मेंबर्स को बचा लिया गया है। इसमें 15 भारतीय भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जहाज पर कोई भी हाइजैकर नहीं मिला है।
भारत ने पुख्ता की है समुद्री सुरक्षा
बता दें कि इस शिप के हाइजैक होने के बारे में पहली सूचना यूनाइटेड किंगडम मैरिटाइम ट्रेड ऑपरेशंस को गुरुवार शाम को मिली थी। लाइबेरिया का झंडा लगा यह जहाज सामान लेकर बहरीन से ब्राजील जा रहा था। गौरतलब है कि भारत ने समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए चार डिस्ट्रॉयर्स तैनात किए हैं। यह हैं आईएनएस कोच्चि, आईएनएस कोलकाता, आईएनएस मोर्मुगाओ और आईएनएस चेन्नई। इसके अलावा तलवार क्लास फ्रिगेट्स और अरब सागर में मिसाइल बोट्स भी तैनात की गई हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved