नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक (cabinet meeting) में ऑटो, टेलिकॉम और ड्रोन सेक्टर (Drone Sector) के लिए कई बड़े फैसले किए गए. इसी के तहत भारत को 2030 तक ड्रोन हब (Drone Hub) बनाने की दिशा में कदम उठाते हुए केंद्र ने ड्रोन और ड्रोन कंपोनेंट्स के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव यानी पीएलआई स्कीम (PLI Scheme) को मंजूरी दे दी है. वहीं, केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने गुरुवार को कहा कि हम अगले तीन सालों में ड्रोन के मैन्युफैक्चरिंग सेगमेंट में लगभग 5,000 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगा रहे हैं. इससे लगभग 10 हजार रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इससे सेक्टर में क्रांति आएगी.
साल 2026 तक 1.8 अरब डॉलर का होगा ड्रोन इंडस्ट्री
सिंधिया ने कहा, ”पीएलआई अगले तीन सालों में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग से 900 करोड़ रुपये का कारोबार करेगा. हम अनुमान लगा रहे हैं कि साल 2026 तक ड्रोन इंडस्ट्री 1.8 अरब डॉलर का हो जाएगा.”
ड्रोन सेक्टर के लिए PLI स्कीम को मंजूरी
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर (Anurag Thakur) ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुअ बुधवार को बताया था कि ड्रोन पीएलआई योजना के लिए अगले तीन साल में सरकार 120 करोड़ रुपये खर्च करेगी. यह रकम वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की सभी ड्रोन कंपनियों के कुल कारोबार की दोगुनी है. योजना के तहत अगले तीन साल में ड्रोन बनाने वाली कंपनियों को उत्पादन क्षमता के आधार पर इंसेंटिव दिया जाएगा.
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