भोपाल। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की संख्या बढ़ रही है। इससे आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। सांस में अल्कोहल की मात्रा का पता लगाने के लिए ट्रैफि क पुलिस के पास ब्रेथ एनालाइजर है, लेकिन इनकी संख्या सीमित है। नशे में वाहन चलाने वालों से निपटने का भोपाल पुलिस के कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने आसान तरीका खोज निकाला है। इस तरीके के तहत शराब के नशे में धुत वाहन चालकों को सड़क पर खींची गई सफेद रंग की दस फि ट लंबी लकीर पर बिना डगमगाए वॉक करना होगा। इससे यह पता चलेगा कि पुलिस ने जिसे शराब के नशे की हालत में वाहन चलाते पकड़ा है। वह किस हद तक शराब के नशे में चूर है। दरअसल, आए दिन पुलिस और शराबियों के बीच ड्रिंक एंड ड्राइव को लेकर मोटर व्हीकल एक्ट की कार्रवाई के दौरान होने वाले विवादों को देखते हुए यह तरीका निकाला गया है। शहर पुलिस को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जानकारी के अनुसार अब तक पुलिस वाहन चेकिंग के दौरान वाहन चालकों का मुंह सूंघ कर या ब्रीथ एनालाइजर से शराब पीने का अंदाजा लगाया करती थी। इसके बाद जरूरत पडऩे पर अस्पताल में डॉक्टर द्वारा मेडिकल टेस्ट कराया जाता था। डॉक्टर द्वारा मेडिकल में शराब पीने की पुष्टि करने के बाद पुलिस उस व्यक्ति के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 के तहत कार्रवाई कर वाहन जब्त कर कोर्ट चालान बनाती थी। इस दौरान शराब पीकर वाहन चलाते मिले व्यक्ति और पुलिस के बीच अक्सर विवाद की स्थिति बन जाती थी। वहीं पुलिस पर भी अवैध कार्रवाई और जबरन वसूली के आरोप लगते थे। लेकिन अब पुलिस ने विवाद और वसूली के विवाद से बचने के लिए बीच का रास्ता निकाला है। पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने हाल ही में शहर के थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि अब से चैकिंग पाइंट पर ही पुलिस शराबियों का फि जिकल टेस्ट लेगी। इस निर्देश के तहत चेकिंग पाइंट पर सड़क किनारे सफेद रंग की दस फ ीट लंबी लकीर खींचना होगी। इसके बाद शराब के नशे में वाहन चलाते पकड़े गए व्यक्ति को उस लकीर पर बिना कदम बहके चलकर दिखाना होगा
मेडिकल परीक्षण भी होगा
पुलिस की खींची गई लकीर पर शराबियों को दस कदम आगे और दस कदम वापस चलकर दिखाना होगा। इस दौरान अगर कदम बहके तो मतलब शराब पी है, कदम नहीं बहके तो पुलिस की क्लीन चिट, शक होने पर मौके पर ही श्वास का ब्रीथ एनालाइजर से परीक्षण किया जाएगा। अगर फि र भी पुलिस अधिकारी संतुुष्ट नहीं हुआ तो डॉक्टर से मेडिकल कराया जाएगा।
भारत में शरीर में 30 मिलीग्राम अल्कोहल की छूट
भारत में शरीर में अल्कोहल का स्तर 30 मिलीग्राम भी इसलिए सही माना गया है, क्योंकि इतनी मात्रा कु छ दवाओं के कारण भी शरीर में आ सकती है। यदि किसी व्यक्ति ने इस मात्रा में शराब भी पी है तो वह साधारण आचरण करेगा। ठंडे देशों में 80 मिलीग्राम को भी वैध माना गया है।
नशे का पैमाना
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