उज्जैन। चैरिटेबल हॉस्पिटल की एंबुलेंस के ड्राइवर कि पॉजिटिव आते ही हड़कम मच गया है। बताया जाता है कि पिछले तीन दिनों से उक्त ड्राइवर बुखार आदि से पीडि़त था और वहीं पर उसका उपचार भी चल रहा था। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे शासकीय एम्बुलेंस के द्वारा उसके घर से (उक्त ड्रायव्हर चैरिटेबल हॉस्पिटल परिसर में ही रहता है।) आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में भर्ती करवा दिया गया है।
इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि कोरोना जांच के बुलेटिन में उक्त ड्राइवर के नाम के आगे उज्जैन चैरिटेबल हॉस्पिटल लिखने की जगह यूसीएस लिखा गया। यह आरोप है कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि संबंधित संस्थान की पहचान छिपाई जा सके।
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल ने बताया कि जिस डॉक्टर द्वारा जिस प्रकार से पर्चा भरा जाता है,उनसे कहा जाएगा कि वे स्पष्ट लिखें ओर संकेत में न लिखें।
आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज के डॉ.सुधाकर वैद्य ने कहा कि ड्राइवर का सात दिन से उपचार चल रहा था। रिपोर्ट आने के बाद उसे भर्ती कर लिया गया है। उसके परिवार को जोकिचैरिटेबल हॉस्पिटल केम्पस में ही रहता है। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम ने होम क्वारेंटाईन कर दिया है। उसके परिवारवालों के भी सेम्पल लिए जा रहे हैं। यह पूछने पर कि वह किसी डॉक्टर का को घर से लाने-ले जाने का काम भी हॉस्पिटल के वाहन से करता था? उन्होने कहाकि वह एंबुलेंस चलाता था।
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