नई दिल्ली (New Delhi)। दिल्ली में हुए 75 लाख की लूट मामले में बड़ा खुलासा (Delhi Robbery Big Disclosure) हुआ है. लॉ एंड ऑर्डर स्पेशल सीपी रविंद्र यादव की निगरानी में DCP जितेंदर मीणा, ACP राजबीर लांबा की टीम ने ये किया है.
बता दें कि शालीमार बाग में हुई 75 लाख की लूट में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पता चला, जिनसे पैसे लूटे गए और जिन्होंने पैसे लूटे वो सब आपस में मिले हुए हैं. कारोबारी और पुलिस को गुमराह करने के लिए उन्होंने ये पूरी साजिश रची थी.
लूट को कैसे दिया अंजाम?
बताया गया कि शालीमार बाग में कारोबारी के घर के आगे गाड़ी रोककर जैसे ही कर्मचारी ने डिग्गी में रखे पैसों का बैग निकाला, इसी दौरान दो बाइक सवार चार बदमाशों ने कथित तौर पर कर्मचारियों से बैग छीन लिया. इसके साथ ही जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए. फिर इस मामले की सूचना पुलिस को दी गई. और फिर टीम के साथ आला अफसर मौके पर पहुंचे.
पुलिस ने ऐसे ढूंढ निकाले गुनहगार
इसके बाद पुलिस ने आईपीसी की संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू की. फिर सीसीटीवी कैमरों, कर्मचारियों से पूछताछ, पुराने कर्मचारियों की जानकारी और मोबाइल की सीडीआर के आधार पर मिले सुराग से पुलिस आरोपियों तक पहुंचने में कामयाब रही.
वारदात में कौन-कौन था शामिल?
जानकारी के मुताबिक, कारोबारी के ड्राइवर विक्की कुमार, उसके रिश्तेदार रॉबिन, मुकेश, मुकेश का बेटा सुधांशु और अभिषेक को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि रॉबिन ने सुधांशु, उसके पिता मुकेश और दो अन्य लोगों के साथ प्लानिंग करके लूट की वारदात को अंजाम दिया. मुकेश पर पहले से ही हत्या की कोशिश, लूट और आर्म्स एक्ट के तहत 4 क्रिमिनल केस दर्ज हैं. वह वारदात को अंजाम देने के लिए गाड़ी और हथियार मुहैया कराता था.
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