इंदौर। स्वच्छता के मामले में पांच बार नम्बर वन आने वाले इंदौर को अब केन्द्रीय और सडक़ राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सडक़ दुर्घटनाओं के साथ-साथ वायु और जल प्रदूषण से मुक्ति दिलाने की चुनौती दे गए हैं। उन्होंने नव नियुक्त महापौर को विशेष रूप से इसका जिम्मा सौंपा और कहा कि अब इंदौर में ग्रीन फ्यूल का इस्तेमाल निजी और सार्वजनिक वाहनों के लिए किया जाए। वे खुद पेट्रोल-डीजल के वाहनों का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
नवाचार से लेकर देशभर में सडक़ों और फ्लायओवरों का जाल बिछाने वाले श्री गडकरी ने स्पष्ट कहा कि अब इतनी तकनीक आ गई है कि पानी से भी वाहन चलने लगे हैं। हाईड्रोजन कार का इस्तेमाल खुद उनके द्वारा किया जा रहा है। उनकी पत्नी ने भी उन पर पहले भरोसा नहीं किया कि क्या इस तरह से कोई कार चल सकती है, तब उन्होंने किर्लोस्कर को फोन लगाकर हाईड्रोजन कार बुलवाई और अब वे उसी कार का इस्तेमाल अधिक से अधिक करते हैं। उन्होंने इस कार को मर्सिडीज से भी अच्छी बताया। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की मौजूदगी में श्री गडकरी ने 2300 करोड़ रुपए के प्रोजेक्टों को शुरू करवाया और नई घोषणाएं भी ढेर सारी कर दी।
साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर महापौर से आव्हान किया कि अब वायु, जल प्रदूषण से इंदौर जैसे शहर को मुक्त करने का संकल्प लिया जाए और यह इतना मुश्किल भी नहीं है। केन्द्र सरकार ने 50 हजार इलेक्ट्रीक सिटी बसों का ऑर्डर दिया है। लिहाजा इंदौर में भी सिटी बसें इलेक्ट्रीक चलें। साथ ही इथेनॉल का प्रयोग भी किया जाए। सडक़ दुर्घटनाएं रोकने के लिए उन्होंने 5-ई मॉडल अपनाने की भी सलाह दी। प्रदूषण से मुक्ति के लिये वाहनों में ईधन के गैर परम्परागत स्त्रोत का उपयोग किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इससे जहां एक ओर सस्ता ईधन प्राप्त होगा, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण सुधरेगा तथा यात्रियों की भी कम किराया देना होगा। इसके लिये इलेक्ट्रिक, बायो गैस, बायो डीजल, ग्रीन हाईड्रोजन, बायो मिथेनॉल आदि गैर पारम्परिक स्त्रोतों से संचालित वाहनों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तेजी से दुनिया बदल रही है तो ऐसे वक्त में ट्रांसपोर्ट सेक्टर को भी तेजी से बदलना होगा। किसान को ऊर्जा दाता बनाना होगा। यह प्रयास करने की जरूरत है कि हम ऊर्जा का आयात करने वाला देश नहीं बल्कि निर्यात करने वाला देश बनाए।
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