चित्रकूट । दीनदयाल शोध संस्थान (Deendayal Research Institute) के संगठन सचिव अभय महाजन एवं कोषाध्यक्ष बसंत पंडित ने चित्रकूट के विकास की मांगों को लेकर भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) एवं संबंधित विभागों के मंत्रियों के साथ भेंटकर अलग से प्राधिकरण या विकास क्षेत्र गठित करने की मांग की।
दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा मुख्यमंत्री को सौंपे गए मांगपत्र में बताया गया कि भगवान श्री राम चंद जी की तपोस्थली एवं भारतरत्न राष्ट्र ऋषि नानाजी की कर्म स्थली चित्रकूट धाम जहां हमेशा हजारों तीर्थयात्रियों का आवागमन बना रहता है, दीपावली में तो लगभग 30 से 40 लाख तीर्थयात्री दीपदान करने चित्रकूट पहुंचते हैं। महोदय चित्रकूट के अधिकांश तीर्थ स्थल मध्यप्रदेश के सतना जिले में एवं कुछ तीर्थ स्थल उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में आते हैं। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा उत्तर प्रदेश स्थित चित्रकूट के विकास एवं तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए श्री चित्रकूट धाम तीर्थ विकास क्षेत्र का गठन किया गया है। अतः आपसे निवेदन है कि मध्य प्रदेश क्षेत्र मे स्थित चित्रकूट के न्यूनतम विकास हेतु ऐसा ही प्राधिकरण/ विकास क्षेत्र का गठन करने एवं साथ ही चित्रकूट पधार कर न्यूनतम सुविधाओं का भूमि पूजन करने की कृपा करें।
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री चौहान द्वारा श्री महाजन को आश्वस्त किया गया कि बहुत जल्दी वह चित्रकूट आकर विकास की कई योजनाओं को मूर्त रूप देंगे। इस दौरान डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन एवं कोषाध्यक्ष श्री बसंत पंडित ने मुख्यमंत्री के अलावा मध्य प्रदेश सरकार के पर्यटन, संस्कृति एवं अध्यात्म विभाग की मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया एवं शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के साथ भी अलग से मुलाकात कर चित्रकूट के विकास संबंधी परियोजनाओं को लेकर विस्तृत चर्चा की।
पर्यटन, संस्कृति एवं अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने तुरंत प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चित्रकूट का प्रवास तय किया। जिसके अंतर्गत 3 एवं 4 जुलाई को वह दो दिवसीय चित्रकूट दौरे पर रहेंगी। जिसमें वह ईको टूरिज्म, मंदाकिनी घाट एवं राम पथ गमन योजना के संबंध में बैठक करके स्थलों का निरीक्षण भी करेंगी।
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