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    डीआरडीओ के एडी-1 इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण, अमेरिकी THAAD, रूसी S-400 से की जा रही तुलना

  • July 27, 2024

    मॉस्को: भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने AD-1 मिसाइल इंटरसेप्टर (interceptor missile) का सफल परीक्षण कर इतिहास बना दिया है। इसी के साथ भारत उन चुनिंदा देशों की कतार में शामिल हो गया है, जिसके पास अपना खुद का विश्वसनीय बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। AD-1 मिसाइल इंटरसेप्टर के कारण भारत को एक बहुत ही सक्षम इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती में सुविधा होगी। AD-1 मिसाइल इंटरसेप्टर की तुलना अमेरिका के THAAD और रूसी एस-400 मिसाइल सिस्टम से की जा रही है। इन दोनों की गिनती दुनिया के सबसे शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम में की जाती है।


    पाकिस्तानी मिसाइलों की अब खैर नहीं

    AD-1 मिसाइल डीआरडीओ के बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस चरण-2 सिस्टम का एक घटक है। डीआरडीओ ने पहले ही बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस चरण-1 का विकास पूरा कर लिया है, जो 2,000 किलोमीटर से कम रेंज वाली मिसाइलों, जैसे पाकिस्तान की गौरी और शाहीन मिसाइलों और चीन की सॉलिड-फ्यूल डोंगफेंग-21 मिसाइल के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। चरण 2 प्रणाली 5,000 किलोमीटर तक की रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करेगी।


    बैलिस्टिक मिसाइलों का काल

    चरण 2 प्रणाली के लिए लंबी दूरी के रडार (चरण 1 रडार के लिए 600 किमी के विपरीत 1,500 किमी की पहचान सीमा) और मैक 6-7 (चरण 1 मिसाइलों के लिए मैक 4-5 के विपरीत) पर उड़ान भरने वाली नई हाइपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइलों की आवश्यकता होती है, जो चपलता और बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस काउंटरमेजर्स के खिलाफ प्रभावी ढंग से काम करने की क्षमता रखती हैं।

    S-400 कितना शक्तिशाली

    एस-400 ट्रायम्फ, जिसे पहले S-300 PMU-3 के नाम से जाना जाता था, एक मोबाइल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) प्रणाली है। इसे 1990 के दशक में रूस के NPO अल्माज द्वारा S-300 मिसाइलों के परिवार के अपग्रेड के रूप में विकसित किया गया था। S-400 को 28 अप्रैल 2007 को सेवा के लिए मंजूरी दी गई थी और सिस्टम की पहली बटालियन ने 6 अगस्त 2007 को युद्ध ड्यूटी संभाली थी। एस-400 की ऑपरेशनल रेंज 400 किमी तक है, जिसमें अलग, अगल रेंज की कई मिसाइलें शामिल हैं। इन मिसाइलों का इस्तेमाल जरूरत के हिसाब से किया जा सकता है।

    अमेरिकी THAAD को भी जानें

    THAAD का पूरा नाम टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस है। इसे पहले थिएटर हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस के नाम से जाना जाता था। यह एक अमेरिकी एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम है, जिसे हिट-टू-किल दृष्टिकोण के साथ अवरोधन करके छोटी, मध्यम और मध्यवर्ती दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को उनके टर्मिनल चरण में मार गिराने के लिए डिजाइन किया गया है। THAAD को 1991 में खाड़ी युद्ध के दौरान इराक के स्कड मिसाइल हमलों के अनुभव के बाद विकसित किया गया था। THAAD इंटरसेप्टर कोई वारहेड नहीं ले जाता है, इसके बजाय आने वाली मिसाइल को नष्ट करने के लिए अपने गतिज ऊर्जा पर निर्भर करता है।

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