नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने गुरुवार को लेजर-गाइडेड एटीजीएम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने लेजर गाइडेड एटीजीएम (Laser Guided ATGMs) के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की जमकर प्रशंसा की है.
सेना की ताकत में इजाफा करने के लिए रक्षा मंत्री ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने लेजर गाइडेड एटीजीएम के परीक्षण फायरिंग से जुड़ी टीमों को बधाई दी. डीआरडीओ ने एटीजीएम को मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया है. वर्तमान में स्वदेशी एमबीटी अर्जुन की 120 मिमी राइफल्ड गन से इस नई तकनीकी परीक्षण किया गया.
लेजर-गाइडेड एटीजीएम स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है. डीआरडीओ और भारतीय सेना द्वारा केके रेंज में मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन से 4 अगस्त को आर्मर्ड कोर सेंटर एंड स्कूल (एसीसी एंड एस) अहमदनगर के समर्थन से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. आज के परीक्षणों के साथ, न्यूनतम से अधिकतम सीमा तक लक्ष्यों को शामिल करने की एटीजीएम की क्षमता की स्थिरता सफलतापूर्वक स्थापित की गई है.
टेस्ट के दौरान मिसाइलों ने सटीकता के साथ टॉर्गेट को हिट किया और दो अलग-अलग रेंज में लक्ष्यों को सफलतापूर्वक हिट किया. बता दें कि ऑल-इंडिजिनस लेजर गाइडेड एटीजीएम एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ईआरए) संरक्षित बख्तरबंद वाहनों को हराने के लिए एक टेंडेम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (हीट) वारहेड का इस्तेमाल करता है.
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