वॉशिंगटन। चीन की अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट आ रही है। ये दावा किया है अमेरिका के भारतीय मूल के सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने। चीन की अर्थव्यवस्था में नाटकीय गिरावट आ रही है और अब उसके पास दो ही विकल्प हैं या तो वह अपने पड़ोसियों के खिलाफ आक्रामकता जारी रखे या फिर अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार करे और अपनी आक्रामकता को कम करे।
राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि ‘चीन की अर्थव्यवस्था में मंदी आ रही है, और यह मंदी इस हद तक है कि चीन की अर्थव्यवस्था कई सेक्टर्स में अपस्फीति (वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में गिरावट) के कगार पर पहुंच सकती है। उपभोक्ताओं का अर्थव्यवस्था में विश्वास खत्म हो रहा है। चीन में बेरोजगारी दर 25 प्रतिशत से अधिक हो गई है। यह बहुत बुरा आंकड़ा है।’ उन्होंने कहा, ‘चीन ने जबरदस्त कर्ज लिया है, खास तौर पर प्रांतीय और स्थानीय स्तर पर। साथ ही लोगों की कुल संपत्ति, जो ज्यादातर रियल एस्टेट में निवेश की जाती है, में काफी गिरावट आई है।’
कृष्णमूर्ति ने कहा कि ‘अर्थव्यवस्था की खराब हालत की वजह से चीन के सर्वोच्च नेता शी जिनपिंग को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।’ अमेरिका के इलिनोइस का प्रतिनिधित्व करने वाले चार बार के सांसद कृष्णमूर्ति संयुक्त राज्य अमेरिका और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा पर संसदीय समिति के सदस्य भी हैं।
राजा कृष्णमूर्ति ने कहा ‘शी जिनपिंग के पास दो विकल्प हैं। या तो, एक तरफ, वह मौजूदा रास्ते पर चलते हैं, जो आर्थिक आक्रामकता को बढ़ा रहा है, पड़ोसियों के प्रति तकनीकी और सैन्य आक्रामकता को बढ़ा रहा है, अर्थव्यवस्था और जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों पर और अधिक नियंत्रण स्थापित कर रहा है। या फिर वह कोई दूसरा तरीका अपना सकते हैं, जिसमें आक्रामकता को कम करना, नियंत्रण को कम करना, उद्यमिता को फिर से पनपने देने जैसे कदम शामिल हैं।’ राजा कृष्णमूर्ति ने दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता का जिक्र किया। साथ ही फिलीपींस के साथ जारी सीमा विवाद और भारत के साथ लद्दाख में जारी तनाव का भी जिक्र किया और चीन को निशाने पर लिया।
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