बीजिंग। अमेरिका ने पिछले दो हफ्तों में अपने दो बॉम्बर्स का ऐलान किया है। अमेरिकी वायुसेना को आने वाले दिनों में पूरी तरह से अपग्रेडेड बॉम्बर जेट बी-52 मिलेगा। साथ ही एकदम नया बी-21 भी उसे सौंपा जायेगा। इस खबर न चीन और इसकी सेनाओं की चिंताओं का बढ़ा दिया है।
चीनी विशेषज्ञ अब परेशान हैं और उनका कहना है कि अमेरिकी वायुसेना के पास इन दोनों बॉम्बर्स का होना उसकी ताकत को चार गुना तक बढ़ा देगा। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने विशेषज्ञों के हवाले से लिखा है कि आने वाले समय में ये बॉम्बर्स यूएस एयरफोर्स की सबसे बड़ी हमलावर सेना होगी। ऐसे में चीन को इनका सामना करने के लिए तैयार रहना होगा और साथ ही इनसे सीखने की भी जरूरत है।
34 सालों में सामने आया बॉम्बर
नॉर्थरोप ग्रुम्मान की तरफ से बी-21 बॉम्बर जेट का निर्माण किया जाएगा। ग्रुप ने पिछले गुरुवार को ऐलान किया है कि इस एयरक्राफ्ट की पहली झलक दुनिया को दो दिसंबर को देखने को मिलेगी। 34 सालों में यह पहला मौका होगा जब यूएस एयरफोर्स का कोई नया बॉम्बर सामने आयेगा। नवंबर 1988 में बी-2 बॉम्बर का आगाज हुआ था। साल 2023 में ये बॉम्बर अपनी पहली उड़ान पर रवाना होगा। बी-21 बॉम्बर पर यह ऐलान तब हुआ जब बोइंग की तरफ से अपग्रेडेड बी-52 बॉम्बर की डिजिटल मॉडल की नई तस्वीर जारी की गई। अमेरिकी मैगजीन एयर एंड स्पेस फोर्सेज के मुताबिक इस बॉम्बर जेट को बी-52जे या फिर बी-52के नंबर दिया जा सकता है।
खतरनाक रडार से लैस
अपग्रेडेड बॉम्बर जेट को नए एफ-139 इंजन से अपग्रेड किया गया है जिसे रोल्स रॉयस ने तैयार किया है। इसके अलावा इसमें AN/APG-79 रडार का नया वर्जन इंस्टॉल किया गया है। यह वही रडार है जिसे F/A-18EF फाइटर जेट में लगाया गया है। इसके साथ ही इस बॉम्बर का कॉकपिट भी एकदम नया है। चीन के मिलिट्री एक्सपर्ट फू कियानशाओ ने ग्लोबल टाइम्स से कहा कि अमेरिका अब तीन तरह के रणनीतिक बॉम्बर जेट्स को ऑपरेट कर रहा है।
पहली पीढ़ी का बी-52, तीसरी पीढ़ी का बी-1B और चौथी पीढ़ी का बॉम्बर बी-2। उनकी मानें तो यूएस एयरफोर्स की योजना बी-21 का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद बी-1B और बी-2 को रिटायर करने की है। इसका मतलब सिर्फ यही है कि सबसे पुराना बॉम्बर बी-52 और नया बी-21 ही सेवा में होंगे। फू का कहना है कि ये दोनों बॉम्बर अमेरिकी वायुसेना की सबसे बड़ी ताकत होने वाले हैं।
हाइपरसोनिक मिसाइल होगी लॉन्च
एक और चीनी मिलिट्री एक्सपर्ट झांग ज़ुफेंग ने कहा कि यूएस एयरफोर्स इस समय अपने पुराने लेकिन बेहतर बी-52 का आधुनिकीकरण करने में लगी है। लेकिन इसके साथ ही वह नया बी-21 बॉम्बर भी डेवलप कर रही है। उनकी मानें तो ये दोनों ही बॉम्बर जेट हाइ और लो एंड हैं। लो एंड बी-52 के पास रक्षा करने की क्षमता कम है। अमेरिकी वायुसेना दुश्मन की सीमा के बाहर इस बॉम्बर की मदद से एजीएम-183 हाइपरसोनिक मिसाइलों को दाग सकती है जिनका निर्माण कार्य जारी है।
उनका कहना है कि ये मिसाइलें बहुत ही महंगी है और इनकी संख्या काफी सीमित है। ऐसे में बी-21 की मदद ली जाएगी जोकि अमेरिका के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। उनकी मानें तो दुश्मन की रक्षा रेखा में दाखिल होकर उसे निशाना बनाने में बी-21 की स्टेल्थ काफी कारगर होगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि ऐसे में चीन को भी अमेरिकी रणनीति का सामना करने के लिए ऐसे बॉम्बर जेट्स का निर्माण करना होगा।
कैसे निबटेगा चीन
फू का कहना है कि चीन को अमेरिका के रणनीतिक बॉम्बर डेवलपमेंट कार्यक्रम से सीखना होगा। उन्होंने बताया कि चीन का H-6 बॉम्बर जेट बी-52 की ही तरह उसी पीढ़ी का है। साथ ही इसे कई बार अपग्रेड भी किया गया है। यह बॉम्बर अब मीडियम रेंज से लॉन्ग रेंज का रणनीतिक बॉम्बर जेट बन गया है। उनका दावा है कि H-20 का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद चीन के पास भी बी-21 जैसी क्षमता आ जायेगी। यह चीन का अगली पीढ़ी का बॉम्बर जेट है।
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