लंदन (London)। लंदन में चीनी दूतावास (Chinese Embassy) ने रविवार को ब्रिटिश सांसदों की ताइवान यात्रा (British MPs visit Taiwan) की निंदा की है और कहा है कि चीन के कड़े विरोध के बावजूद ब्रिटिश सांसद द्वीप का दौरा करने जा रहे हैं। उधर, ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा है कि ब्रिटिश-ताइवानी सर्वदलीय संसदीय समूह (British-Taiwanese All-Party Parliamentary Group) के छह सांसदों का समूह सोमवार को ताइपे में राष्ट्रपति साई इंग-वेन (President Sai Ing-wen) से मुलाकात करेगा।
दरअसल, चीन लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान को अपना क्षेत्र मानता रहा है और इस दावे पर जोर देने के लिए चीन ताइवान पर सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक दबाव बनाता रहा है।
लंदन में चीनी दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा है कि चीन के दृढ़ विरोध के बावजूद ब्रिटिश सांसदों का एक दल चीन के ताइवान क्षेत्र का दौरा करने पर जोर दे रहा है, जो निंदनीय है। बयान में कहा गया है कि यह यात्रा चीन के आंतरिक मामलों में गैरवाजिब दखल है, जिससे ताइवान की स्वतंत्रता के लिए काम कर रहे अलगाववादी ताकतों को गलत संकेत मिल सकता है।
चीन की धमकियों को नजरअंदाज करते हुए ताइवान लगातार विदेशी सांसदों की मेजबानी करता रहा है, जिसकी चीन नियमित रूप से निंदा करता रहा है। ताइवान की सरकार ने चीन की संप्रभुता के दावों को खारिज करते हुए कहा कि केवल ताइवान के लोग ही अपना भविष्य तय कर सकते हैं।
ब्रिटिश सांसदों के दल के ताइवान दौरे से पहले ब्रिटेन सरकार ने पिछले हफ्ते ही चीन के सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक को बैन किया है। चीन इस बात से भी ब्रिटेन से खफा है। पिछले गुरुवार को ब्रिटेन सरकार ने एक बयान जारी कर कहा था कि कोई भी मंत्री या अफसर अपने फोन में टिकटॉक ऐप नहीं रखेंगे क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाला है।
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