डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तीखे तेवरों को देखते हुए चीन ने कुछ नरमी दिखाई है। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच जबरदस्त तरीके से चल रहे टैरिफ वॉर में एक उम्मीद की किरण नजर आई है। अमेरिका ने आज चीनी उत्पादों पर टैरिफ को बढ़ाकर 245 फीसदी कर दिया था। इसके बाद चीन ने कहा है कि अगर ट्रंप रिस्पेक्ट दिखाते हैं, तो वह बातचीत के लिए तैयार हैं। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के अनुसार, चीन ने दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू करने के लिए जो शर्तें रखी हैं, उनमें चीन के लिए रिस्पेक्ट दिखाना भी शामिल है।
मामले के जानकार ने कहा कि अन्य शर्तों में अधिक सुसंगत अमेरिकी रुख, अमेरिकी प्रतिबंधों और ताइवान से जुड़ी चीन की चिंताओं को दूर करने की इच्छा तथा ट्रेड और टैरिफ पर द्विपक्षीय वार्ता करने के लिए ट्रंप द्वारा समर्थित एक अमेरिकी संपर्क व्यक्ति की नियुक्ति शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी संपर्क व्यक्ति वार्ता का नेतृत्व करेगा और एक ऐसे समझौते को तैयार करने में मदद करेगा, जिस पर ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग मुलाकात के दौरान हस्ताक्षर कर सकें।
ट्रम्प के टैरिफ के जवाब में चीन ने अमेरिका पर 125 फीसदी टैरिफ लगाया हुआ है। साथ ही चीन ने महत्वपूर्ण तथा दुर्लभ खनिजों के साथ-साथ उन चुम्बकों के निर्यात को भी रोक दिया है, जिनका उपयोग कारों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और हथियार प्रणालियों तक कई उत्पादों के उत्पादन में किया जाता है। चीन का ऐसे महत्वपूर्ण और दुर्लभ खनिजों और चुम्बकों की सप्लाई पर लगभग एकाधिकार है, इसलिए इस रोक से मैन्यूफैक्चरिंग पर बुरी तरह से असर पड़ने की उम्मीद है, क्योंकि अधिकांश कंपनियों के पास इतना स्टॉक नहीं है, जो ट्रेड वॉर में अधिक समय तक चल सके।
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