इन्दौर। जिस ड्रग तस्करी की कार्रवाई के लिए कल इंदौर पुलिस की पीठ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान थपथपाकर गए थे, उसके तस्कर युवाओं में ड्रग की लत लगाने के लिए उन्हें इमोशनल तरीके से रिझाते थे। वे कहते थे कि ड्रग पीने से सिर्फ मजा ही नहीं आएगा, बल्कि पढ़ाई में एकाग्रता भी रहेगी।
खासकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए तो यह पढ़ाई में मन लगाने की अचूक दवा है। वे यह कहकर भी छात्र-छात्राओं को बरगलाते थे कि ड्रग का सेवन करने के बाद एक बार पढ़ाई करने बैठ गए तो फिर पूरी रात तक पढ़ाई ही करोगे। एडीजी योगेश देशमुख ने बताया कि महालक्ष्मी नगर के दिनेश अग्रवाल और उसके बेटे अक्षय, भतीजे चमन और हैदराबाद में फार्मा कंपनी के संचालक वेदप्रकाश से कड़ी पूछताछ की जा रही है। तीनों की संपत्ति, बैंक खाते और अन्य स्रोत के बारे में पड़ताल की जा रही है, ताकि ड्रग्स सप्लाय कर अर्जित की गई संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई की जा सके। पुलिस अभी तक की पूछताछ में पता लगा पाई है कि तस्करी से जुड़े टेंट व्यवसायी दिनेश अग्रवाल, बेटे और भतीजे ने ड्रग्स से करोड़ों की काली कमाई की है, जिससे संपत्तियां भी बनाई हैं, जिन्हें जल्द ध्वस्त करने की कार्रवाई भी होगी। कल मुख्यमंत्री ने इस मामले में यह कहते हुए इंदौर पुलिस की पीठ थपथपाई थी कि यह ड्रग्स अगर पुलिस नहीं पकड़ती तो प्रदेश के कई युवाओं की रगों में इसका नशा दौड़ता और उनके जीवन से खिलवाड़ होता।
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