लखनऊ । भारत की पहली मौखिक गर्भनिरोधक ‘सहेली’ (India’s First Oral Contraceptive ‘Saheli’) की खोज करनेवाले (Searchers) डॉ. नित्यानंद (Dr. Nityananda) का निधन हो गया (Passed Away) । भारत की पहली मौखिक गर्भनिरोधक सहेली की खोज करने वाले केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) के पूर्व निदेशक डॉ. नित्यानंद ने लंबी बीमारी के बाद एसजीपीजीआईएमएस शनिवार को लखनऊ में अंकिम सांस ली । वह 99 वर्ष के थे।
पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित, डॉ. नित्यानंद के दो बेटे नीरज नित्यानंद और डॉ. नवीन नित्यानंद और बेटी डॉ. सोनिया नित्यानंद हैं, जो किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) की कुलपति हैं। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को होगा। एक चिकित्सा रसायनज्ञ, डॉ. नित्यानंद 1951 में इसकी स्थापना के बाद से सीडीआरआई के साथ थे और 1974 से 1984 तक इसके निदेशक के रूप में कार्य किया। उन्होंने 400 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए और 130 से अधिक पेटेंट प्राप्त किए और 100 पीएचडी छात्रों की देखरेख की।
डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा, दुनिया के पहले और एकमात्र गैर-स्टेरायडल, गैर-हार्मोनल मौखिक, सप्ताह में एक बार मौखिक गर्भनिरोधक, सेंटक्रोमन उर्फ ‘सहेली’ के पीछे मेरे पिता का दिमाग था। इसे 2016 से भारत के राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम में शामिल किया गया है। यह सुरक्षित होने के साथ गर्भनिरोधक के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी दवा थी। अब भी यह दुनिया का एकमात्र गैर-स्टेरायडल गैर-हार्मोनल गर्भनिरोधक है, जो बहुत गर्व की बात है कि इसे भारत में और लखनऊ में विकसित किया गया। सहेली की शुरुआत 1986 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने की थी।
सीडीआरआई के प्रवक्ता, वरिष्ठ वैज्ञानिक संजीव यादव ने कहा, सीडीआरआई में उनका प्रवास, पहले एक वैज्ञानिक के रूप में, फिर औषधीय रसायन विज्ञान प्रभाग के प्रमुख (1963-1974) और बाद में एक निदेशक (1974-1984) के रूप में संस्थान के उभरते वैज्ञानिकों को आकार देने और उनका पोषण करने में बहुत महत्वपूर्ण रहा है। डॉ. नित्यानंद लगभग चार दशकों तक भारत सरकार की विभिन्न दवा नीति-निर्धारण निकायों से जुड़े रहे और कई वैज्ञानिक निकायों और संस्थानों के सलाहकार और परामर्शदाता रहे हैं।
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