भोपाल। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बुलडोजर मामा नाम दिए जाने के बाद वे जिलों में अफसरों को बुलडोजर चलाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं जिसका वे सार्वजनिक मंचों से हाथ उठवाकर समर्थन भी मांग रहे हैं। मगर मुख्यमंत्री की इस कार्रवाई को कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने तालिबानी एक्शन बताया है।
पीड़ितों से वे अपील कर रहे हैं कि मेरे पास आएं। उनकी लड़ाई वे मानव अधिकार आयोग और अदालत में लड़ेंगे। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर बाबा नाम मिलने के बाद जिस तरह वहां यूपी की जनता ने उन्हें विधानसभा चुनाव में लहर की तरह दूसरी बार सत्ता सौंपी है, उसी तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पांचवीं बार सीएम बनाने के लिए बुलडोजर मामा नाम दिया गया है।
अब मुख्यमंत्री ने अपने इस नाम के अनुरूप जिलों में कार्यक्रम के दौरान बुलडोजर की बातें करना शुरू कर दी हैं। लोगों से हाथ उठवाकर और हां का शोर कराकर समर्थन जुटाने में लगे हैं तो अधिकारियों को बुलडोजर किस काम आएंगे यह कहकर ऐसी कार्रवाई करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मगर अब इसके खिलाफ कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह खुलकर सामने आ गए हैं।
तालिबानियों से जैसे काम कर रहे
डॉ. गोविंद सिंह ने लाइव हिंदुस्तान से चर्चा में कहा है कि शिवराज सिंह चौहान सरकार तालिबानियों की तरह काम कर रही है। अदालत का काम भी वही करने लगी है। डॉ. सिंह ने सवाल किया कि अगर कोई एक परिवार का एक सदस्य अपराध करता है तो उसके अन्य सदस्यों को उसकी सजा कैसे दी जा सकती है। सिंह ने कहा कि वे भी अतिक्रमण के खिलाफ हैं लेकिन उसके नाम पर लोगों की संपत्ति को ढहाया जा रहा है। यह संपत्ति राष्ट्र की संपत्ति है और इस तरह राष्ट्रीय संपत्ति को बर्बाद किया जा रहा है। फसल को बर्बाद किया जा रहा है जबकि उस अन्न से कई गरीबों के पेट भरे जा सकते थे।
अपील
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने बुलडोजर मामा की कार्रवाई से पीड़ित लोगों से अपील की है कि वे उनके पास आएं और उनकी लड़ाई वे लड़ेंगे। सिंह ने कहा कि ऐसे पीड़ितों की लड़ाई को वे मानव अधिकार आयोग में लड़ेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो अदालत में भी लड़ाई लड़ेंगे।
कौन है डॉ. गोविंद सिंह जानें
डॉ. गोविंद सिंह भिंड जिले के लहार विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। वे सातवीं बार विधायक चुनकर आए हैं और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के निकटस्थ माने जाते हैं। कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद नेता प्रतिपक्ष पद के लिए डॉ. गोविंद सिंह सबसे सशक्त दावेदार माने जाते रहे हैं और आज भी वे इसके पद की जिम्मेदारी लेने से पीछे नहीं हट रहे हैं।
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