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बच्चों की मृतक संख्या पर संशय

November 09, 2021

  • बच्चों की चीखें फाइलों में दफनाने की तैयारी
  • मुख्यमंत्री ने जताया शोक, 7 बच्चों के मरने की चर्चा

भोपाल। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया कैंपस (Government Hospital Hamidia Campus) में बने कमरा नेहरू गैस राहत अस्पताल (Kamla Nehru Gas Relief Hospital) में 7 बच्चों की मौत हो चुकी है। हालांकि चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग
(
Medical Education Minister Vishwas Sarang) ने 4 बच्चों की मौत की पुष्टि की है। लेकिन मौत को लेकर अफवाहों का दौर जार है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) के निर्देश पर जांच अधिकारी अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान (Additional Chief Secretary Health Mohammad Suleman) आज सुबह हमीदिया पहुंचे। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को किसी तरह के बयान नहीं देने की हिदायत दी है। घटना स्थल का दौरान कर वे 20 मिनट बाद ही लौट गए। सुलेमान के जांच अधिकारी बनाए जाने के बाद से यह चर्चा है कि जिम्मेदारों पर कार्रवाई तो दूर सरकार बच्चों की चीखें फाइलों में दफन कराना चाहती है।



सुलेमान से पहले मंत्री विश्वास सारंग (Minister Vishwas Sarang) हमीदिया पहुंच चुके थे। सारंग ने कहा कि सब ठीक है। हालांकि अस्पताल के बाहर बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों के मुताबिक हादसे में 4 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई है। प्रशासन बच्चों की मौत को छिपा रहा है। मौत के आंकड़े 4 से ज्यादा हैं। जिले के प्रभारी मंत्री भूपेन्द्र सिंह (Minister in charge Bhupendra Singh) भी हमीदिया पहुंचे हैं। उल्लेखनीय है कि कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल (Kamla Nehru Gas Rahat Hospital) में तीसरी मंजिल पर बच्चा वार्ड में सोमवार रात 9 बजे आग लग गई थी। यहां 40 बच्चे भर्ती थे। वहीं इधर बाल आयोग के पूर्व सदस्य प्रभांशू जोशी ने राष्ट्रीय बाल आयोग में घटना की शिकायत की है। साथ ही समाज सेवी रचना ढींगरा ने भी घटना पर सवाल उठाए हैं।

कमलनाथ-शिवराज जाएंगे हमीदिया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हमीदिया पहुंचकर पीडि़त परिजनेां से मिलेंगे और घटना का जायजा लेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी दोपहर 1 बजे हमीदिया पहुंच रहे हैंं।

नर्स और वार्ड बॉय में झगड़ा… 5 मिनट बाद आग: परिजन
हमीदिया कैम्पस के कमला नेहरू हॉस्पिटल में आग लगने से मारे गए बच्चों के परिजन ने घटना के पीछे बड़ी साजिश होने का शक जताया है। उनका कहना है कि हादसे से 5 मिनट पहले ही वार्ड में नर्स और वार्ड बॉय के बीच झगड़ा हुआ था। दोनों ने एक-दूसरे को धमकियां दी थीं। मंगलवार सुबह मृत बच्चों का शव लेने पहुंचे परिजन ने जांच की मांग भी की है।

पिछले महीने लगी थी आग, अफसर झांकने तक नहीं गए
बच्चों की मौत के बार सरकार हरकत में आई है। जबकि पिछले महीने भी हमीदिया में आग लगी थी। तब मंत्रालय से अफसर झांकने तक नहीं गए थे। यदि उसी समय अफसर अस्पताल पहुंचकर आग से सुरक्षा का जायजा ले लेते तो हादसा टल सकता था। घटना की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। जबकि हकीकत यह है कि बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर मिलाकर आठ मंजिल के कमला नेहरू अस्पताल में आग से बचाव के कोई इंतजाम नहीं थे। ऑटोमेटिक हाईड्रेंट को देखा तो वो खराब पड़ा था। हर फ्लोर पर फायर एक्सटिंग्विशर तो थे लेकिन काम नहीं कर रहे थे। व्यवस्था सुधारने की जिम्मेदारी मंत्रालय के अफसरों की भी बनती है। ऐसे में यदि वे ही जांच करेंगे तो फिर सही जिम्मेदारी तय कैसे होगी।

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