मेट्रो की रफ्तार, स्टेशनों पर लिए बिजली कनेक्शन
साढ़े पांच किमी तक मेट्रो को सबसे पहले दौड़ाने की तैयारी
इंदौर, कमलेश्वरसिंह सिसौदिया। प्रदेश के सबसे बड़े इंदौर में मेट्रो ट्रेन की तैयारियां चल रही हैं। 2023 में इंदौरवासी मेट्रो की सवारी करेंगे। इसमें बिजली की भूमिका भी अव्वल रहेगी। फिलहाल स्टेशन के लिए कार्य प्रगति पर है और इसके लिए बिजली कंपनी से अलग-अलग जगह कनेक्शन भी लिए गए।
अगले वर्ष मेट्रो को दौड़ाने के लिए तैयारी और तेज की गई है। स्टेशनों का विकास भी किया जा रहा है। अब तक इंदौर पश्चिम बिजली संभाग के एयरपोर्ट जोन और इंदौर ग्रामीण संभाग के भंवरासला बिजली जोन से स्टेशन विकास के लिए 7-8 बिजली कनेक्शन लिए गए हैं। इधर लवकुश चौराहे तक जेतपुरा से विशेष बिजली लाइन भी आ रही है। मेट्रो के लिए 25000 वाट का इंजन लाइन की जरूरत होती है। इसी के हिसाब से 132/33 केवी के सबस्टेशन से सीधे बिजली मेट्रो रूट पर सप्लाय की जाएगी। यह बिजली मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रदाय की जाएगी। आगे जाकर मेट्रो के लिए बिजासन मंदिर के नीचे बीएसएफ ग्राउंड के आसपास 220 केवी का नया सबस्टेशन भी तैयार किया जाएगा, जो पूरे शहर की मेट्रो के लिए काम आ सकता है। फिलहाल मेट्रो के लिए सुपर कॉरिडोर और लवकुश से दोहरी बिजली लाइनों की कनेक्टिविटी दी जा रही है। मेट्रो के लिए पहले चरण में 25 मेगावाट बिजली लग सकती है। दैनिक मेट्रो दौड़ाने में यह बिजली एक से सवा लाख यूनिट की होगी। इसकी कीमत दस लाख से ज्यादा की होगी। इसके साथ ही स्टेशन, ट्रेन के अंदर और अन्य स्थानों पर भी काफी बिजली लगेगी। इसकी मांग दैनिक पचास हजार यूनिट तक हो सकती है।
रेल विकास निगम की अहम भूमिका
मेट्रो प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने गांधीनगर से सुपर कारिडोर ब्रिज तक के हिस्से को सुपर प्रायोरटी ट्रैक बनाया है। इस हिस्से का काम रेल विकास निगम कर रहा है। इस हिस्से की लंबाई करीब 5.5 किलोमीटर है।
शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता
इंदौर मेट्रो मप्र शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें बिजली कंपनी भी पूर्ण सहयोग कर रही है। वर्तमान में मेट्रो के जिस चरण का (गांधी नगर, सुपर कॉरिडोर) कार्य तेजी से चल रहा है, वहां इंदौर पश्चिम शहर संभाग और इंदौर ग्रामीण संभाग के तहत एयरपोर्ट जोन, भंवरासला जोन की टीमें सहयोग कर रही हैं।
-अमित तोमर, एमडी मप्रपक्षेविविकं इंदौर
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved