नई दिल्ली: मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स और फ्यूल और पॉवर की कीमतों में कमी के कारण होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) बेस्ड महंगाई फरवरी 2023 में 25 महीने के निचले स्तर 3.85 फीसदी पर आ गई. यह लगातार नौवां महीना है जब थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई में गिरावट आई है. जनवरी में यह 4.73 फीसदी, दिसंबर 2022 में 4.95 फीसदी, पिछले साल नवंबर में 5.85 फीसदी और फरवरी 2022 में 13.43 फीसदी थी. फूड इंडेक्स इंफ्लेशन फरवरी में घटकर 2.76 प्रतिशत रह गई, जो जनवरी में 2.95 फीसदी थी.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फरवरी, 2023 में मुख्य रूप से क्रूड पेट्रोलियम और नेचुरल गैस, नॉन फूड प्रोडक्ट्स, फूड प्रोडक्ट्स, खनिजों, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल प्रोडक्ट्स, कैमिकल और कैमिकल प्रोडक्ट्स, बिजली के कंपोनेंट और मोटर व्हीकल, ट्रेलर और सेमी-ट्रेलर की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है.
फरवरी में फूड प्रोडक्ट्स की महंगाई बढ़कर 3.81 फीसदी हो गई, जो जनवरी में 2.38 फीसदी थी. दालों की महंगाई 2.59 फीसदी पर आ गई, जबकि सब्जियों की महंगाई (-) 21.53 प्रतिशत थी. तिलहन में महंगाई (-) 7.38 प्रतिशत थी, जबकि फलों में पिछले महीने महंगाई 7.02 फीसदी थी. ईंधन और बिजली महंगाई जनवरी 2023 में 15.15 प्रतिशत से घटकर 14.82 प्रतिशत हो गई. मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स में, फरवरी 2023 में यह 1.94 प्रतिशत थी, जबकि जनवरी में यह 2.99 प्रतिशत थी.
WPI में गिरावट रिटेल महंगाई में गिरावट के अनुरूप है, जिसके आंकड़े सोमवार को जारी किए गए थे. सीपीआई आधारित खुदरा महंगाई फरवरी में घटकर 6.44 प्रतिशत रह गई, जो जनवरी में 6.52 प्रतिशत थी. पिछले महीने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्रमुख ब्याज दर को 25 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया था, यह कहते हुए कि कोर महंगाई अभी भी स्थिर है.
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