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    वर्ष में एक बार पट खुले, दर्शनों के लिए लंबी कतार

  • August 02, 2022

    • रात 12 बजे पूजन के साथ 24 घंटे के लिए नागचंद्रेश्वर के दर्शन शुरू हुए और तब से ही अनवरत जारी है शांतिपूर्ण दर्शन

    उज्जैन। आज नागपंचमी महापर्व मनाया जा रहा है। महाकाल मंदिर के शिखर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट बीती मध्य रात्रि खुले। महानिर्वाणी अखाड़े के महंत और कलेक्टर ने नागचंद्रेश्वर का पूजन-अर्चन किया। इसके बाद से ही दर्शन हेतु श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। दर्शनों का यह सिलसिला अनवरत जारी है और रात 12 बजे तक चलेगा। आज दोपहर में भगवान नागचंद्रेश्वर की शासन की ओर से पूजा कराई गई। पट बंद होने तक 3 लाख से अधिक श्रद्धालु नागचंद्रेश्वर दर्शन कर सकेंगे। महाकालेश्वर मंदिर के शिखर तल पर विराजमान भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन वर्ष में एक बार नागपंचमी पर ही श्रद्धालु कर पाते हैं। परंपरा के मुताबिक नागपंचमी के अवसर पर ही इस मंदिर के पट 24 घंटे के लिए खुलते हैं। बीती रात 12 बजे से मंदिर के पट खुले और इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से महंत विनीत गिरी महाराज तथा कलेक्टर आशीष सिंह ने विधिवत पूजन-अर्चन किया। इसके लगभग 40 मिनिट बाद श्रद्धालुओं के दर्शन का क्रम शुरू हुआ। दर्शन के लिए श्रद्धालु कल रात 8 बजे से ही कर्कराज मंदिर के समीप बने प्रवेश द्वार से कतार में लगना शुरू हो गए थे। आज दोपहर तक लगभग ड़ेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन कर लिए थे। दोपहर में ठीक 12 बजे शासन की ओर से अधिकारियों द्वारा नागचंद्रेश्वर का पूजन-अर्चन किया गया और आज शाम को भी महाकाल की संध्या आरती के बाद त्रिकाल पूजा के अंतर्गत नागचंद्रेश्वर की तीसरी पूजा की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि आज रात 12 बजे नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट बंद होने तक 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के दर्शन करने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि महाकाल मंदिर के शिखर तल पर विराजित भगवान नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा 11वीं सदी की है। इसमें भगवान शिव और पार्वती नागदेवता के आसन पर विराजमान हैं।


    एक घंटा लग रहा है आम दर्शनार्थियों को दर्शन में
    आज सुबह जब दर्शनार्थियों से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि हमें एक से डेढ़ घंटा दर्शन के लिए लग रहा है तथा सुविधाएँ ठीक हैं। पुलिस प्रशासन ने नागपंचमी पर नागचंद्रेश्वर दर्शन व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए अलग-अलग मार्गों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग स्थल बनाए हैं। इसमें इंदौर, देवास की ओर से आने वाले लोगों के वाहन कार्तिक मेला ग्राउंड पर पार्क किए जा सकेंगे। यहां से श्रद्धालु नृसिंह घाट तक आएंगे। यहां बेरिकेट्स से होते हुए कतार में लग सकेंगे। इसके अलावा कर्कराज मंदिर, नृसिंह घाट और भील धर्मशाला मैदान में भी पार्किंग की व्यवस्था की गई है। जबकि जूता स्टैंड और लड्डू प्रसाद के काउंटर चारधाम मार्ग और कर्कराज मंदिर के समीप बनाए गए हैं।

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