इन्दौर। एक ओर जहां कई पटवारी रिश्वत लेते हुए पकड़े जा रहे हैं, वहीं पटवारियों की भर्ती में चुने गए 58 में से केवल 37 ही अपने वेरिफिकेशन के लिए पहुंचे। इनमें से कुछ लोगों ने कहा कि हमें पटवारी की नौकरी नहीं चाहिए। इंदौर जिले में पटवारियों की संख्या पूरी करने के लिए 58 अभ्यर्थियों की भर्ती की गई थी और कल वेरिफिकेशन के लिए समय भी दिया गया, लेकिन 37 ने ही अपना वेरिफिकेशन कराया। विभाग फोन लगाकर बुलाता रहा, लेकिन अभ्यर्थियों ने आने से मना कर दिया। म.प्र. शासन राजस्व विभाग ने पटवारियों की संख्या बढ़ाने के लिए जो परीक्षा आयोजित की थी, उसके आधार पर चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग और दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया कल कलेक्ट्रेट कार्यालय में की गई।
58 अभ्यर्थियों का चयन इंदौर राजस्व सीमा के लिए किया गया है, लेकिन लंबे समय से रिजल्ट को लेकर चल रहे विरोध और लेटलतीफी के चलते कई अभ्यर्थियों ने दूसरी परीक्षा देकर अपना भाग्य अजमाया और पटवारी के पद को नकार दिया। विभाग लगभग 7 अभ्यर्थियों को फोन लगाता रहा, लेकिन वे न तो दस्तावेज सत्यापन के लिए पहुंचे, न ही उन्होंने नौकरी के लिए इच्छा ही जताई। फोन पर मिली सूचना के अनुसार अन्य विभागों में नौकरी लगने के कारण वे अब पटवारी नहीं बनना चाहते। ज्ञात हो कि इंदौर जिले के लिए चयनित इन अभ्यर्थियों को कॉल लेटर इनके निवास के पते पर जारी किए गए थे। सभी केंडिडेट्स को सूचना पत्र की प्राप्ति अभिस्वीकृति पर हस्ताक्षर कर विभाग को वापस भेजने थे, लेकिन कई अभ्यर्थियों की सूचना जब विभाग को नहीं मिली तो उन्होंने फोन पर संपर्क किया।
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