भोपाल। पिछले करीब एक सप्ताह में प्रदेश में बारिश की वजह से किसानों द्वारा कृषि क्षेत्र में गतिविधियों को बढ़ा दिया गया है। हालांकि विशेषज्ञ इस बारिश को तूफानों के प्रभाव से जोड़कर देख रहे है। किसानों से जल्दबाजी नहीं करने की अपील कर रहे है। इस बार सोयाबीन, मक्का, बाजरा सहित कपास का रकबा भी बढऩे के आसार है। प्रदेश में किसान खेतों की तरफ चल निकले हैं। हर तरफ खेतों में किसानों द्वारा तैयारी की जा रही। इस बार पहले बारिश की वजह से किसानों की गति भी तेज हो चुकी है।
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार किसानों की जल्दबाजी की वजह कई क्षेत्रों में बारिश भी है। ये अच्छा संकेत है, लेकिन मानसून अभी कुछ दिन बाद सक्रिय होगा। तब तक किसान धैर्य रखें। 2 सप्ताह तक किसान बोवनी को लेकर अधिक उत्साहित ना हो तो बेहतर है। क्योंकि वर्तमान में जो बारिश हो रही है। वह तूफानों की वजह से बताई जाती है। ऐसे में किसानों को नुकसान की आशंका है। हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि जिनके पास सिंचाई के पर्याप्त साधन हो वही बोवनी करें तो बेहतर होगा। जो किसान सिर्फ बारिश के भरोसे रहेंगे, उन्हें अभी भी नहीं लगाना चाहिए। अन्यथा बारिश लंबी खींचने की वजह से नुकसान हो सकता है।
सोयाबीन के साथ कपास, मक्का बीज की मांग अधिक
बीज विक्रेताओं का कहना है कि इस बार समय से पहले अच्छी बारिश हो गई है। जमीन में नमी भी पर्याप्त है। ऐसे में किसान बीज लगाने की तैयारी कर रहे है। ऐसे में बड़ी संख्या में किसान कपास, मक्का और सोयाबीन के बीज लेने के लिए आ रहे है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार सोयाबीन के भाव 8000 से 9000 होने के चलते किसानों का रुझान बढ़ा है। वहीं कपास और मक्का भी किसानों की पसंद बनी हुई है।
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