नई दिल्ली। बुधवार का दिन गणेश जी(Ganesh Ji) की पूजा को समर्पित है. हिंदू धर्म में गणेश पूजा का विशेष महत्व है. कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश पूजन से होती है. कहते हैं कि गणेश जी की पूजा(Worship) से व्यक्ति का हर बड़ा संकट टल जाता है. बप्पा को विघ्नकर्ता और विघ्नहर्ता दोनों ही नामों से जाना जाता है. अगर गणपति रुष्ट हो जाएं, तो कई तरह समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए गणेश जी की पूजा के दौरान इस बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
पूजा में गणेश जी को अर्पित न करें ये चीजें
टूटे हुए अक्षत या चावल
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार चावल को खुशी और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि गणेश जी की पूजा में उन्हें अक्षत अर्पित किए जाते हैं. लेकिन अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि ये टूटे हुए न हों. गणपति को अक्षत अर्पित करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. गणेश जी को अक्षत अर्पित करते समय थोड़ा-सा गीला कर लें.
पूजा में इस्तेमाल न करें तुलसी
भोलेशंकर की तरह भगवान गणेश को भी तुलसी अर्पित करना वर्जित है. पौराणिक कथा के अनुसार गणेश जी ने तुलसी को श्राप दिया था इसलिए उनकी पूजा में भूलकर भी तुलसी पत्र का इस्तेमाल न करें.
सूखे फूल न करें अर्पित
गणेश पूजा में सूखे और बासी फूलों का प्रयोग भूलकर भी न करें. ऐसा करना अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से परिवार में दरिद्रता आती है. इसलिए पूजा के दौरान गणेश जी को ताजे फूल अर्पित करें.
भूल से भी न करें सफेद रंग का प्रयोग
पौराणिक कथा के अनुसार चंद्रमा ने गणेश जी का उपहास किया था, इसलिए गणेश जी ने चंद्रमा को श्राप दिया था. इसलिए सफेद फूल का संबंध चंद्रमा से होने के कारण गणेश जी को अर्पित नहीं किए जाते. साथ ही उन्हें विघ्नहर्ता को पूजा में सफेद वस्त्र, सफेद जनेऊ और सफेद चंदन का इस्तेमाल नहीं किया जाता.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसकी पुष्टि नहीं करते है.)
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