नई दिल्ली: टिंडर या बंबल जैसी डेटिंग ऐप हो या शादी डॉट कॉम या जीवनसाथी डॉट कॉम जैसी मैट्रिमोनियन साइट्स, आजकल ये साइट्स ठगों का नया ठिकाना है. मीठी-मीठी बातें, ऑनलाइन ‘प्यार’ का झांसा देना, ‘शारीरिक संबंध’ बनाने के लिए लुभाना और उसके बाद ‘धोखा’, धमकाना, लूट और वसूली या आपके डेटा की चोरी करके बैंक से पैसे गायब कर देना. ये इन एप्स पर ठगों के काम करने का मॉडल बनता जा रहा है. डेटिंग ऐप्स पर ठगी के बढ़ते मामलों को देखने के लिए सरकार की ओर अब लोगों को एडवाइजरी जारी कर दी है.
आपने भी अपने आस-पास, दोस्तों से ऐसे किस्से सुने होंगे, या खबर पढ़ी होगी कि लोगों को ऑनलाइन ‘प्यार में लाखों का धोखा’ हो रहा है. वित्त मंत्रालय ने इसके लिए लोगों से डेटिंग ऐप्स पर संभलकर बात करने और अपने डेटा की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की अपील की है. साथ ही बताया है कि कितने लोग इस धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं.
Beware of fraudsters extorting money in the name of Indian Customs!
Indian Customs never calls or send SMS for paying Customs Duty in a personal bank account. All communication from Indian Customs contain a DIN which can be verified on CBIC website. #FraudAlert pic.twitter.com/3A1gybjyrL— Ministry of Finance (@FinMinIndia) August 9, 2023
66 प्रतिशत एडल्ट बने शिकार
डेटिंग या मैट्रिमोनियल ऐप्स पर ठग अपना जाल अब पूरी तरह फैला चुके हैं. महंगे उपहार के बहाने के बहाने तक वसूली हो रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में 66 प्रतिश व्यस्क यानी एडल्ट लोग डेटिंग या मैट्रिमोनियल ऐप्स पर ‘प्यार का धोखा’ खा चुके हैं. औसत रूप से उन्हें 7,966 रुपये प्रति व्यक्ति का नुकसान हुआ है. ध्यान रहे कि ये औसत है यानी किसी व्यक्ति का नुकसान कुछ हजार में और किसी का कई लाख में हो सकता है.
कस्टम ड्यूटी का भी बहाना
वित्त मंत्रालय की एडवाइजरी में एक और तरीके से वसूली करने का तरीका उजागर किया गया है. अब डेटिंग ऐप्स पर लोग पहले दोस्ती करते हैं. उन्हें प्रेमी बनाकर गिफ्ट भेजने की बात करते हैं. इसके बाद गिफ्ट पाने वाले व्यक्ति से एयरपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी देने की बात कही जाती है, ताकि उसे गिफ्ट की डिलीवरी हो सके. व्यक्ति झांसे में आकर अच्छी खासी रकम दे देता है और इस तरह लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है.
सरकार ने साफ किया है कि इस तरह की किसी भी गतिविधि का सीमाशुल्क विभाग से कोई लेना-देना नहीं है. ना ही विभाग की ओर से किसी व्यक्ति को इस तरह पैसे जमा करने का मैसेज या अकाउंट डिटेल भेजा जाता है.
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