अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप वर्ष 2016 का है। वर्ष 2016 में स्टॉर्मी डेनियल्स ने ट्रंप के साथ करीबी रिश्तों का खुलासा किया था। आरोप है कि इसकी भनक लगने पर ट्रंप टीम के वकील माइकल कोहेन ने स्ट्रॉर्मी को चुप रहने के लिए एक लाख तीस हजार डॉलर का भुगतान किया। स्टॉर्मी का यह भी आरोप है कि ट्रंप ने नेवादा में एक सेलेब्रिटी गोल्फ टूर्नामेंट के दौरान उन्हें अपने होटल रूम में बुलाया था। ट्रंप ने स्टॉर्मी को टीवी स्टार बनाने का वादा किया था। स्टॉर्मी ने ट्रंप के साथ संबंध बनाने का आरोप लगाया था, हालांकि ट्रंप इस बात से इनकार करते रहे हैं कि उन्होंने स्टॉर्मी के साथ शारीरिक संबंध बनाए । उनका कहना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। जुलाई 2007 में स्टॉर्मी डेनियल जब ट्रंप से मिली थीं, तब उनकी उम्र 27 साल थी और ट्रंप की 60 साल।यह मामला संघीय चुनाव आयोग और न्यूयॉर्क प्रोसिक्यूटर, दोनों तक पहुंचा किन्तु कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब इस मामले में गठित ग्रांड ज्यूरी ने जांच के बाद ट्रंप के खिलाफ मुकदमा चलाने का फैसला लिया है। ट्रंप आपराधिक मुकदमे का सामना करने वाले अमेरिका के पहले पूर्व राष्ट्रपति बन गए हैं। हालांकि, आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया गया है। अगर उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया जाता है या उन्हें सजा सुनाई जाती है तो भी इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले पहले अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति होंगे।
ट्रंप के वकील रहे माइकल कोहेन अगस्त 2018 में ही राष्ट्रपति चुनाव के दौरान वित्तीय गड़बड़ी का आरोप स्वीकारकर चुके हैं। साथ ही उन्होंने स्टॉर्मी डेनियल को पैसे देने में मदद की बात भी स्वीकार की थी। साथ ही उन्होंने प्लेबॉय की एक पूर्व मॉडल को पैसे देने की बात भी कबूली थी ताकि ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव अभियान में मदद ली जा सके। कोहेन ने कहा था कि यह सब उन्होंने ट्रंप के कहने पर किया था।
पिछले दिनों ट्रंप ने अपनी गिरफ्तारी की भविष्यवाणी की थी। उनका दावा है कि उनके प्रतिद्वंद्वी उन्हें रोकने के लिए फर्जी मामलों का सहारा ले रहे हैं। इस बीच अगले साल होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के भारतीय मूल के दो दावेदारों निक्की हेली और विवेक रामास्वामी ने ट्रंप के खिलाफ कार्रवाई को बदले की राजनीति करार दिया है। निक्की हेली ने इसे देश के इतिहास का काला दिन करार दिया है। वहीं रामास्वामी ने कहा है कि इससे लोगों का देश की न्याय प्रणाली में भरोसा घटेगा। (हि.स.)