डेस्क: 8 साल पहले जब डोनाल्ड ट्रंप पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रहे थे, तो उन्होंने मुसलमानों की राष्ट्रीय रजिस्ट्री बनाने का विचार पेश किया था और मुस्लिम देशों से अप्रवास पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा था. अपने पहले अभियान के दौरान ट्रंप लगातार मुस्लिम विरोधी बयानबाजी करते थे. लेकिन अब उनके अभियान में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है.
राष्ट्रपति चुनाव को अब महज एक हफ्ते का समय बाकी है और ऐसे में वह कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते, ट्रंप एक बार फिर व्हाइट हाउस की रेस में शामिल हैं और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस के साथ उनकी चुनावी फाइट काफी टाइट है, ऐसे में ट्रंप और उनका कैंपेन अरब अमेरिकी और मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन जीतने की कोशिश कर रहा है.
माना जा रहा है कि अमेरिका के मुस्लिम वोटर्स राष्ट्रपति जो बाइडेन के गाजा युद्ध से निपटने के तरीके और सामाजिक मुद्दों पर पार्टी के रुख को लेकर डेमोक्रेट्स से नाखुश हो सकते हैं. ऐसे में मिशिगन में उनका समर्थन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, जो अरब अमेरिकी और मुस्लिम मतदाताओं के प्रभाव वाला एक मुख्य स्विंग स्टेट है.
मिशिगन में डेट्रॉयट के एक उपनगर नोवी में रिपब्लिकन पार्टी की एक रैली में ट्रंप ने कुछ समूहों को आमंत्रित किया, इसमें कई मुस्लिम और अरब अमेरिकी नेता भी शामिल थे. मंच पर मौजूद इन मुस्लिम लीडर्स ने चुनाव में ट्रंप का समर्थन करने का ऐलान किया. साथ ही गाजा युद्ध के चलते अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की नीतियों की आलोचना की.
इस रैली के दौरान इमाम बिलाल अल-जुहैरी ने ट्रंप का समर्थन करते हुए कहा कि, ‘हम मुसलमान ट्रंप के साथ खड़े हैं क्योंकि उन्होंने शांति का वादा किया है, न कि युद्ध का.’ उन्होंने मिडिल-ईस्ट और रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर ट्रंप की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘पूरी दुनिया में जारी खून-खराबा बंद होना चाहिए और मुझे लगता है कि ट्रंप इसे मुमकिन कर सकते हैं. मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि भगवान ने किसी खास मकसद के लिए ट्रंप की जिंदगी दो बार बचाई है.’
वहीं ट्रंप ने मुस्लिम और अरब वोटर्स की युद्ध खत्म करने की मांग और मिडिल ईस्ट में शांति स्थापित करने पर सहमति जताई. ट्रंप ने अपनी प्रतिद्वंद्वी और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस की जमकर आलोचना की. ट्रंप ने हैरिस और पूर्व रिपब्लिकन कांग्रेसवुमन लिज़ चेने के संबंधों का जिक्र किया, लिज़ चेने ने 2001 में इराक पर अमेरिका के आक्रमण का समर्थन किया था.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved