नई दिल्ली । अमेरिका (America)में बड़े पैमाने पर छंटनी और दुनियाभर में टैरिफ लगाने(levy tariffs) के बाद शेयर बाजार (शेयर बाजार )के धड़ाम होने के बाद अमेरिका से लेकर यूरोप(From America to Europe) तक डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क का विरोध शुरू हो गया है। शनिवार को वॉशिंगटन डीसी में हजारों प्रदर्शनकारी जमा हुए थे। प्रदर्शन के आयोजकों ने कहा कि नेशनल मॉल में करीब 20 हजार लोग इकट्ठा हो सकते हैं। कनाडा और मेक्सिको के अलावा अमेरिका के करीब 50 प्रांतों में विरोध प्रदर्शन किए गए। प्रदर्शन करने वालों के हाथ में फिलिस्तीन और यूक्रेन के झंडे भी थे। डोनाल्ड ट्रंप के सामने ना झुकने के लिए लोग यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को शाबाशी देते भी नजर आए।
अमेरिका के अलावा यूरोप के कई देशों में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। दरअसल 57 देशों पर भारी भरकम टैरिफ लगाने के बाद अमेरिका के लोगों के लिए भी दिक्कत पैदा हो गई है। टैरिफ की वजह से अमेरिका की जनता को महंगाई का सामना करना पड़ेगा। दूसरी तरफ दुनियाभर के बाजार पर इसका असर देखा जा रहा है जिससे मंदी की आशंका गहराती जा रही है। वहीं एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप दोनों के ही बयान बहुत संवेदनहीन नजर आते हैं। ऐसे में लोगों का गुस्सा दोनों के खिलाफ ही फूट रहा है।
जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में रहने वाले अमेरिकी नागरिकों ने डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के खिलाफ रैली निकाली। वहीं बर्लिन में टेसला के शोरूम के बाहर सैकड़ों लोग जमा थे। फ्रैंकफर्ट में प्रदर्शनकारी डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क दोनों के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। लोकतंत्र वापस लाने के नारे लगाए जा रहे थे। बर्लिन में प्रदर्शनकारियों के हाथ में कार्डबोर्ड थे। उनपर लिखा था, शटअप एलन मस्क, हमने तुम्हें वोट नहीं दिया। एक कुत्ते को ड्रेस पहनाया गया था जिसपर लिखा था, हम DOGE के खिलाफ हैं।
फ्रांस की राजधानी पैरिस में भी करीब 200 अमेरिकी इकट्ठा हुएऔर उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के फैसलों का विरोध किया। इसके अलावा लंदन और लिस्बन में भी सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए और डोनाल्ड ट्रंप-एलन मस्क की जोड़ी का विरोध किया। लंदन में 500 के करीब लोग इकट्ठा हुए थे। उनके हाथों में पोस्टर थे। इनपर लिखा था, स्वाभिमानी अमेरिकी शर्मिंदा हैं।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत 57 देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए हैं। इसके बाद मार्केट में खलबली मची हुई है। वहीं अब ऑटोमोबाइल के आयात पर भी 25 फीसदी का टैरिफ लागू होने वाला है। इससे पहले ही कई कंपनियां अमेरिका को निर्यात ही बंद करने का फैसला कर रही हैं। टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली इकाई जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) ने शुल्क संरचना में बदलाव को ध्यान में रखते हुए ब्रिटेन में स्थित अपने विनिर्माण संयंत्रों से अमेरिका को वाहनों का निर्यात रोक दिया है।
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