नई दिल्ली । हिंदू धर्म (Hindu Religion) कई सारी प्राचीन मान्यताओं पर आधारित है. हिंदू धर्म शास्त्रों में बहुत सी ऐसी बातों का वर्णन किया गया है जिनका संबंध हम सभी की डेली लाइफ से कहीं न कहीं जुड़ा होता है. यह मान्यताएं सदियों से चली आ रही है. जैसे अक्सर आपने अपने घर के बड़ों को यह कहते सुना होगा कि हमें रात (night) में झाड़ू (broom) नहीं लगानी चाहिए. शाम होने के बाद तुलसी को नहीं छूना चाहिए और भी ऐसी कई बातें हैं जो हमने अपने घर के बड़ों से सुनी है.
चलिए आज हम इंदौर के रहने वाले ज्योतिष एवं वास्तु सलाहकार पंडित कृष्ण कांत शर्मा से जानेंगे कि रात में झाड़ू न लगाने वाली मान्यता के पीछे आखिर वजह क्या है.
क्यों नहीं लगाते शाम को झाड़ू?
जैसा कि हम सभी ने अपने घर के बड़ों से सुना है कि शाम को सूरज डूबने के बाद झाड़ू नहीं लगानी चाहिए. शाम को झाड़ू लगाने से माता लक्ष्मी रूठ जाती हैं. इस मान्यता के पीछे असल वजह यह है कि प्राचीन काल में शाम के वक्त जब लोग लालटेन और मोमबत्ती की रौशनी में काम करते थे. तब यदि कोई कीमती वस्तु घर में कहीं गिर जाए तो उसे ढूंढ़ना बहुत मुश्किल होता था और ऐसे में यदि घर में झाड़ू लगा दी जाए तो उस चीज़ का झाड़ू के जरिए घर के बाहर जाने का डर भी रहता था. इन्हीं कारणों से पहले के लोगों ने इसे नियम के तौर पर अपना लिया और दिन ढलने के बाद झाड़ू लगाने को निषेध कर दिया.
इसके अलावा एक अन्य मान्यता है कि लोग सुबह से घर को साफ-सुथरा कर सुन्दर तरीकों से सजाते हैं. जिससे दिन भर में घर में पॉजिटिव ऊर्जा इक्कठा होती है और यदि सूरज ढलने के बाद हम घर में झाड़ू लगाते हैं तो यह पॉजिटिव ऊर्जा झाड़ू के साथ ही घर से बहार निकल जाती है.
यदि बात की जाए शास्त्रों की तो इनमें घर में झाड़ू लगाने का वक्त दिन के चार प्रहर को बताया गया है. वास्तु शास्त्र के अनुसार रात के वक्त घर में झाड़ू लगाने से घर में दरिद्रता आती है. वास्तु शास्त्र में ऐसा भी वर्णन मिलता है कि शाम के समय झाड़ू लगाने और घर में कूड़ा जमा करने से घर की तरक्की में बाधाएं आती हैं.
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