भोपाल। मध्यप्रदेश में घरेलू हिंसा पीडि़त बालिका या महिला को प्रदेश सरकार आर्थिक सहायता देगी। प्रदेश में घरेलू हिंसा सहायता योजना लागू की जाएगी। यह निर्णय मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इस योजना के तहत पीडि़ता को शरीर के किसी भी अंग की क्षति 40 प्रतिशत से कम होने पर 2 लाख और इससे अधिक होने पर 4 लाख रुपए तक की मदद दी जाएगी। एक अन्य फैसले में चिकित्सा विशेषज्ञ के रिक्त पदों को भरने के लिए 25 प्रतिशत पद अब सीधी भर्ती के जरिए करने का निर्णय हुआ। शेष पदों पर क्रमोन्नति का लाभ दिया जाएगा।
कलेक्टर की अध्यक्षता में बनाई कमेटी
हर जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। इसमें पुलिस अधीक्षक, सीएमएचओ और महिला एवं बाल विकास जिला कार्यक्रम अधिकारी भी शामिल किए गए हैं। यदि कमेटी के निर्णय से पीड़ता संतुष्ट नहीं होती है तो ऐसी स्थिति में वह 60 दिन में संभागआयुक्त के समक्ष अपील कर सकेगी।
सीधी भर्ती से भरे जाएंगे विशेषज्ञ चिकित्सक के 25 प्रतिशत पद
बैठक में स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञ के 25 प्रतिशत पदों की पूर्ति सीधी भर्ती के माध्यम से करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। मध्य प्रदेश में 3618 विशेषज्ञ के पद में से 2899 पद रिक्त हैं। दरअसल, विशेषज्ञ का पद पदोन्नति का है और इस पर वर्ष 2016 से रोक है। यदि यह हट भी जाती है तो भी 893 चिकित्सक ही पदोन्नत हो सकेंगे। जबकि, तीन वर्ष में 317 विशेषज्ञ चिकित्सक सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इस स्थिति को देखते हुए विभाग का विशेषज्ञों के 25 प्रतिशत यानी 904 पद सीधी भर्ती के माध्यम से भरने का प्रस्ताव था। इसके साथ ही पीजी चिकित्सकों को विभाग की सेवाओं के लिए आकर्षित करने के लिए चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यग्रहण करने के दो साल बाद क्रमोन्नत वेतनमान स्वीकृत किया जाएगा। इसी तरह पांच स्वशासी इंजीनियरिंग कॉलेज और 67 पॉलिटेक्निक में अतिथि व्याख्याता को प्रतिमाह 30 हजार रुपए मानदेन देने का प्रस्ताव है। पूर्व से कार्यरत व्याख्याताओं को अनुभव के 20 बोनस अंक दिए जाएंगे।
भूमि के अलग-अलग मिलेंगे पट्टे
डॉ. मिश्रा ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में नगरीय क्षेत्रों में शामिल होने वाले ग्रामों की आबादी भूमि के अलग-अलग पट्टे दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत एक ही भूखंड का आवासीय और व्यावसायिक उपयोग करने पर दो पट्टे लेने होंगे। इसके लिए अलग-अलग शुल्क चुकाना होगा। उन्होंने बताया कि गैस पीडि़त व उनके बच्चों को आयुष्मान निरामयम योजना में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इसमें नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। एक साल में उपचार में 5 लाख रुपए से अधिक व्यय होने पर शेष राशि की प्रतिपूर्ति भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग करेगा।
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